मद्रास हाईकोर्ट ने हिंदू मुन्नानी को बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ एकजुटता में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी

Update: 2024-08-22 07:44 GMT

मद्रास हाईकोर्ट ने हिंदू मुन्नानी को राज्य में प्रदर्शन करने की अनुमति दी, जिसमें केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई।

संगठन द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि जब श्रीलंका में तमिलों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राज्य में प्रदर्शन किए जा सकते हैं तो बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए भी ऐसा ही किया जा सकता है। अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है।

इस प्रकार अदालत ने राज्य पुलिस को 27 अगस्त को दोपहर 3 से 4 बजे के बीच संगठन द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देने का निर्देश दिया। अदालत ने संगठन को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि यातायात का मुक्त प्रवाह बाधित न हो।

हिंदू मुन्नानी के चेन्नई शहर सचिव शिव विजयन ने याचिका दायर की। इसमें तर्क दिया गया कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में वृद्धि देखी जा रही है। आरोप लगाया गया कि बलात्कार हत्या और यहां तक ​​कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने की घटनाएं हुई हैं। विजयन ने कहा कि देश में कई राजनीतिक दलों ने फिलिस्तीन में नरसंहार के खिलाफ आवाज उठाई थी लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के लिए एक भी आवाज नहीं उठी।

इसी पृष्ठभूमि में संगठन ने कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन करने का फैसला किया। जब मामला उठाया गया तो सरकारी वकील ने अदालत को सूचित किया कि अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने के बाद देश में स्थिति में सुधार हुआ है। इसलिए प्रदर्शन आयोजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

हालांकि अदालत ने कहा कि अंतरिम सरकार के कार्यभार संभालने से बहुत पहले प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई। अदालत ने यह भी कहा कि प्रदर्शन की अनुमति न देने के लिए राज्य द्वारा बताए गए कारण अस्वीकार्य हैं।

इस प्रकार, अदालत याचिका स्वीकार करने के लिए इच्छुक है और तदनुसार आदेश दिया।

केस टाइटल- शिव विजयन बनाम गृह सचिव और अन्य

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