पुलिस पर जबरदस्ती शौहर की दाढ़ी मुंडवाकर सड़कों पर घुमाने का आरोप, हाईकोर्ट ने महिला की याचिका पर दिया सुनवाई का निर्देश

Update: 2025-07-23 07:37 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मुस्लिम महिला की याचिका पर राज्य मानवाधिकार आयोग (MPHRC) को निर्देश दिया कि वह उसके पति की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस द्वारा की गई कथित ज्यादती जबरन दाढ़ी मुंडवाना और सड़कों पर परेड कराना संबंधी शिकायत पर शीघ्र निर्णय ले।

जस्टिस विशाल मिश्रा की एकल पीठ ने यह आदेश दिया और कहा कि याचिकाकर्ता को इस आदेश की प्रमाणित प्रति MPHRC को सौंपनी होगी, जो कि उसकी लंबित शिकायत (याचिका के पृष्ठ 27 पर उल्लेखित) पर यथाशीघ्र निर्णय ले।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले के विवादित तथ्यों पर उसने कोई राय व्यक्त नहीं की।

याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता के पति को 8 मई को अपराध शाखा, मंगलवारा और हनुमानगंज थानों की संयुक्त कार्रवाई में तीन अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराएं 119(1), 115, 351(3), 249, 191, 125 और आर्म्स एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

याचिका में महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके पति की जबरन दाढ़ी मुंडवा दी, जो कि मुस्लिमों के धार्मिक आचरण का हिस्सा है और उन्हें व अन्य आरोपियों को बाजारों में परेड कराई, जिससे उनकी मौलिक अधिकारों का हनन हुआ।

याचिका में कहा गया,

“दाढ़ी मुंडवाना धार्मिक आज़ादी के अधिकार (अनुच्छेद 25) का उल्लंघन है। इस प्रकार की सार्वजनिक बेइज्जती आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत मान्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी ऐसे कृत्यों पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए गए।”

महिला ने यह भी दावा किया कि उन्होंने सीनियर अधिकारियों को शिकायत सौंपी लेकिन अब तक कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई।

अब इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग को निर्देशित किया गया कि वह महिला की शिकायत पर कार्रवाई करें।

केस टाइटल: शमीम बानो बनाम मध्य प्रदेश राज्य व अन्य (WP-24732-2025)

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