Registration Act, 1908 की धारा 15-16A: कार्यालयों की मुहरें, रजिस्टर पुस्तकें और डिजिटल रिकॉर्ड के रखरखाव संबंधी प्रावधान
15. पंजीकरण अधिकारियों की मुहर (Seal of registering officers)
यह धारा पंजीकरण अधिकारियों द्वारा उपयोग की जाने वाली आधिकारिक मुहर (seal) का वर्णन करती है। इसमें कहा गया है कि विभिन्न रजिस्ट्रार (Registrars) और उप-रजिस्ट्रार (Sub-Registrars) एक मुहर का उपयोग करेंगे जिस पर अंग्रेजी में और राज्य सरकार (State Government) द्वारा निर्देशित किसी अन्य भाषा में यह लिखा होगा: "द सील ऑफ द रजिस्ट्रार (या ऑफ द सब-रजिस्ट्रार) ऑफ... (The seal of the Registrar (or of the Sub-Registrar) of...)"।
यह मुहर आधिकारिक दस्तावेज़ों पर लगाई जाती है ताकि उनकी प्रामाणिकता (authenticity) और वैधता (validity) सुनिश्चित हो सके। मुहर पर पद और कार्यालय के स्थान का उल्लेख होता है, जैसे "द सील ऑफ द रजिस्ट्रार ऑफ जयपुर" या "द सील ऑफ द सब-रजिस्ट्रार ऑफ अजमेर"।
उदाहरण के लिए, जयपुर के रजिस्ट्रार की मुहर पर अंग्रेजी में "The seal of the Registrar of Jaipur" लिखा होगा और साथ ही हिंदी या राजस्थान सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य स्थानीय भाषा में भी यही जानकारी लिखी होगी। यह मुहर किसी भी पंजीकृत दस्तावेज़ को प्रमाणित करने के लिए लगाई जाती है।
16. रजिस्टर-पुस्तकें और अग्निरोधी बक्से (Register-books and fire-proof boxes)
यह धारा पंजीकरण कार्यालयों में अभिलेखों (records) के रखरखाव और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान करती है।
उपधारा (1) के अनुसार, राज्य सरकार (State Government) प्रत्येक पंजीकरण अधिकारी के कार्यालय के लिए इस अधिनियम के उद्देश्यों के लिए आवश्यक पुस्तकें (books) प्रदान करेगी। ये किताबें वे होती हैं जिनमें पंजीकृत दस्तावेजों का विवरण दर्ज किया जाता है।
उपधारा (2) बताती है कि ये प्रदान की गई पुस्तकें समय-समय पर महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा राज्य सरकार (State Government) की अनुमति से निर्धारित फॉर्म (forms) वाली होंगी। इन पुस्तकों के पृष्ठ (pages) मुद्रित (printed) रूप में लगातार क्रमांकित (consecutively numbered) होंगे, और प्रत्येक पुस्तक में पृष्ठों की संख्या उस अधिकारी द्वारा शीर्षक पृष्ठ (title page) पर प्रमाणित की जाएगी जिसके द्वारा ऐसी पुस्तकें जारी की जाती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी पृष्ठ हटाया या बदला न जा सके, जिससे रिकॉर्ड की अखंडता (integrity) बनी रहे।
उदाहरण के लिए, राज्य सरकार (State Government) जयपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय को 'बिक्री विलेखों के लिए रजिस्टर बुक' प्रदान करेगी। इस बुक में महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा अनुमोदित मानक फॉर्म होंगे, और प्रत्येक पृष्ठ पर क्रम संख्या लिखी होगी। बुक जारी करने वाला अधिकारी पहले पृष्ठ पर कुल पृष्ठों की संख्या प्रमाणित करेगा।
उपधारा (3) सुरक्षा पहलू पर ध्यान केंद्रित करती है। राज्य सरकार (State Government) प्रत्येक रजिस्ट्रार के कार्यालय को एक अग्निरोधी बक्सा (fire-proof box) उपलब्ध कराएगी। साथ ही, प्रत्येक जिले में दस्तावेजों के पंजीकरण से जुड़े रिकॉर्ड की सुरक्षित हिरासत (safe custody) के लिए उपयुक्त प्रावधान भी करेगी। यह सुनिश्चित करता है कि महत्वपूर्ण पंजीकरण रिकॉर्ड आग या अन्य दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहें।
उदाहरण के लिए, अजमेर रजिस्ट्रार कार्यालय को एक बड़ा फायरप्रूफ तिजोरी मिलेगी जिसमें सभी मूल पंजीकरण दस्तावेज और रजिस्टर बुक सुरक्षित रूप से रखे जा सकें, ताकि आग लगने या किसी अन्य आपदा की स्थिति में रिकॉर्ड को नुकसान न पहुँचे।
16A. कंप्यूटर फ्लॉपी, डिस्क, आदि में पुस्तकों का रखरखाव (Keeping of books in computer floppies, diskettes, etc.)
यह धारा प्रौद्योगिकी (technology) के उपयोग को शामिल करके रिकॉर्ड-कीपिंग के तरीके में आधुनिकता लाती है।
उपधारा (1) कहती है कि धारा 16 (section 16) में कुछ भी निहित होने के बावजूद, उस धारा की उपधारा (1) के तहत प्रदान की गई पुस्तकें कंप्यूटर फ्लॉपी (computer floppies) या डिस्क (diskettes) या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक रूप (any other electronic form) में भी रखी जा सकती हैं। ऐसा महानिरीक्षक (Inspector-General) द्वारा राज्य सरकार (State Government) की अनुमति से निर्धारित तरीके और सुरक्षा उपायों (safeguards) के अधीन होगा। यह प्रावधान पारंपरिक कागजी रिकॉर्ड के साथ-साथ डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग की अनुमति देता है, जिससे डेटा को अधिक आसानी से संग्रहीत (stored), एक्सेस (accessed) और प्रबंधित (managed) किया जा सके।
उदाहरण के लिए, राजस्थान में महानिरीक्षक (Inspector-General), राज्य सरकार की मंजूरी से, यह निर्देश दे सकते हैं कि सभी नए पंजीकरण रिकॉर्ड को अब भौतिक रजिस्टर बुक्स के साथ-साथ डिजिटल डेटाबेस में भी संग्रहीत किया जाएगा, और इसके लिए विशिष्ट सॉफ्टवेयर और सुरक्षा प्रोटोकॉल निर्धारित किए जाएंगे।
उपधारा (2) इस डिजिटल रिकॉर्ड के कानूनी महत्व को स्पष्ट करती है। इस अधिनियम या किसी अन्य प्रचलित कानून (any other law for the time being in force) में कुछ भी निहित होने के बावजूद, उपधारा (1) के तहत रखे गए डिजिटल रिकॉर्ड से पंजीकरण अधिकारी द्वारा अपने हस्ताक्षर और मुहर (hand and seal) के साथ दी गई एक प्रति (copy) या उद्धरण (extracts) को धारा 57 (section 57) के प्रयोजनों के लिए उसी धारा की उपधारा (5) के तहत दी गई प्रति माना जाएगा। इसका मतलब है कि डिजिटल रिकॉर्ड से ली गई प्रमाणित प्रतिलिपि का कानूनी रूप से कागजी रिकॉर्ड से ली गई प्रतिलिपि के समान महत्व होगा। यह डिजिटलीकरण (digitization) को कानूनी मान्यता प्रदान करता है।
उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को डिजिटल रूप में रखे गए बिक्री विलेख की प्रमाणित प्रति चाहिए, तो रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली डिजिटल प्रति (प्रिंटआउट के रूप में) जिस पर अधिकारी के हस्ताक्षर और मुहर है, उसे कानूनी रूप से उतना ही वैध माना जाएगा जितना कि रजिस्टर बुक से सीधे ली गई हाथ से लिखी गई प्रति को।
यह धारा 16A एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है, जो पंजीकरण प्रक्रिया में डिजिटल प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करके दक्षता और पहुंच में सुधार करती है।