वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 54 : नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति

Update: 2025-08-20 13:04 GMT

वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981, का अंतिम अध्याय, विविध (Miscellaneous), केवल केंद्रीय सरकार को ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों को भी अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए नियम बनाने की महत्वपूर्ण शक्ति प्रदान करता है।

धारा 54, विशेष रूप से, राज्य सरकार की इस शक्ति को परिभाषित करती है और उन विशिष्ट क्षेत्रों को सूचीबद्ध करती है जहां नियम बनाए जा सकते हैं। यह प्रावधान अधिनियम के सिद्धांतों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक विवरणों को भरने का काम करता है।

धारा 54 - नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति (Power of State Government to make rules)

यह धारा राज्य सरकार को राजपत्र में अधिसूचना (notification in the Official Gazette) के माध्यम से नियम बनाने का अधिकार देती है ताकि वे अधिनियम के उद्देश्यों को पूरा कर सकें। ये नियम उन मामलों के लिए होते हैं जो धारा 53 के दायरे में नहीं आते, जो केंद्र सरकार को नियम बनाने की शक्ति देता है। यह शक्तियों के एक स्पष्ट विभाजन को स्थापित करता है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।

नियमों के विशिष्ट विषय (Specific Subjects of the Rules)

उप-धारा (2) उन विशिष्ट मामलों को सूचीबद्ध करती है जिनके लिए राज्य सरकार नियम बना सकती है। ये सभी विषय राज्य बोर्डों के दैनिक कामकाज और उनके द्वारा किए गए कानूनी और प्रशासनिक कार्यों से संबंधित हैं।

• बोर्ड के सदस्यों की योग्यता और सेवा की शर्तें (Qualifications and Service Conditions of Board Members): नियम धारा 7 के तहत गठित राज्य बोर्ड के अध्यक्ष (Chairman) और सदस्यों की सेवा की शर्तों को निर्धारित कर सकते हैं। वे धारा 14 के तहत सदस्य-सचिव (Member-Secretary) की योग्यता, सेवा की शर्तों, शक्तियों और कर्तव्यों को भी परिभाषित कर सकते हैं, जैसा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग या प्रबंधन विशेषज्ञता से संबंधित है।

• बैठकें और प्रक्रिया (Meetings and Procedures): धारा 10 और धारा 11 के तहत, नियम राज्य बोर्ड और उसकी समितियों की बैठकों, प्रक्रियाओं और कोरम (quorum) के समय, स्थान और तरीके को नियंत्रित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बोर्ड की बैठकें व्यवस्थित और कुशल हों।

• सलाहकारों की नियुक्ति (Appointment of Consultants): नियम धारा 12 के तहत बोर्ड से जुड़े व्यक्तियों और धारा 14 के तहत सलाहकारों की नियुक्ति, उनके शुल्क और भत्तों के लिए प्रक्रिया निर्धारित कर सकते हैं।

• प्रशासनिक विवरण (Administrative Details): नियम धारा 14(3) के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति की शर्तों को भी परिभाषित कर सकते हैं, जो बोर्ड के कुशल कामकाज के लिए आवश्यक हैं।

• प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र और सहमति (Air Pollution Control Areas and Consent): नियम धारा 19(1) के तहत किसी क्षेत्र को वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित करने के तरीके को निर्धारित कर सकते हैं। वे धारा 21(2) और (3) के तहत राज्य बोर्ड की सहमति के लिए आवेदन का फॉर्म, देय शुल्क और जांच की प्रक्रिया को भी निर्धारित कर सकते हैं। यह प्रक्रियात्मक स्पष्टता सुनिश्चित करती है, जिससे उद्योगों और बोर्ड दोनों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाती है।

• नमूना लेना और विश्लेषण (Sampling and Analysis): अधिनियम की केंद्रीय प्रवर्तन शक्तियों में से एक नमूना लेना है, जैसा कि धारा 26 में उल्लिखित है। नियम धारा 26(1) के तहत नमूने लेने के तरीके और धारा 26(3) के तहत नोटिस के फॉर्म को निर्धारित कर सकते हैं। यह वैज्ञानिक साक्ष्य की कानूनी स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

• प्रयोगशाला और विश्लेषक (Laboratory and Analysts): नियम धारा 28 के तहत राज्य वायु प्रयोगशाला के कार्यों और प्रक्रिया को परिभाषित कर सकते हैं, और धारा 29 के तहत सरकारी विश्लेषकों और बोर्ड विश्लेषकों के लिए आवश्यक योग्यताओं को भी निर्धारित कर सकते हैं।

• अपील (Appeals): नियम धारा 31 के तहत अपीलीय प्राधिकारी (Appellate Authority) द्वारा अपील दायर करने के तरीके, देय शुल्क और प्रक्रिया को भी निर्धारित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि अपीलों को एक सुसंगत और पारदर्शी तरीके से संभाला जाए।

• बजट और रिपोर्ट (Budget and Reports): नियम धारा 34, धारा 35 और धारा 36 के तहत राज्य बोर्ड के बजट, वार्षिक रिपोर्ट और खातों के रखरखाव के लिए फॉर्म और समय-सीमा को परिभाषित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय जवाबदेही बनी रहे।

• सार्वजनिक रजिस्टर (Public Register): धारा 51 के तहत बनाए जाने वाले रजिस्टर में शामिल किए जाने वाले विवरणों को भी नियम परिभाषित कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि जनता को आसानी से जानकारी मिल सके।

बोर्ड के साथ परामर्श (Consultation with the Board)

उप-धारा (3) एक महत्वपूर्ण शर्त निर्धारित करती है। यह कहती है कि राज्य बोर्ड के पहले गठन के बाद, उप-धारा (2) में उल्लिखित किसी भी मामले के संबंध में कोई भी नियम, जिसमें संशोधन या निरसन (amendment or repeal) शामिल है, उस बोर्ड के परामर्श के बिना नहीं किया जाएगा। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि राज्य बोर्डों को अपने कामकाज को प्रभावित करने वाले नियमों को बनाने में एक कहने का अधिकार (say) हो, जिससे वे अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।

इस प्रकार, धारा 54 राज्य सरकार को अधिनियम के सार को कमजोर किए बिना प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक विवरणों को भरने की आवश्यक शक्ति देती है। यह अधिनियम को बदलती परिस्थितियों और राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुकूल होने में सक्षम बनाता है।

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