सार्वजनिक सुरक्षा और सड़कों पर लापरवाही का प्रावधान: सेक्शन 281 से 285, भारतीय न्याय संहिता, 2023

Update: 2024-11-05 13:59 GMT

भारतीय न्याय संहिता, 2023 में कुछ विशेष प्रावधान दिए गए हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इसके तहत, कानून उन लोगों पर दंड लगाता है जो अपने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से दूसरों के जीवन को खतरे में डालते हैं या उन्हें हानि पहुंचाते हैं।

इस लेख में हम सेक्शन 281 से 285 को विस्तार से समझेंगे और इसके हर पहलू का सरल उदाहरण के साथ विश्लेषण करेंगे ताकि सभी के लिए इसे समझना आसान हो सके।

सेक्शन 281: सार्वजनिक सड़कों पर लापरवाही से वाहन चलाना (Reckless Driving or Riding on Public Roads)

सेक्शन 281 उन मामलों पर लागू होता है जहां व्यक्ति सार्वजनिक सड़कों पर वाहन को इतनी तेजी या लापरवाही से चलाता है कि दूसरों के जीवन को खतरा हो सकता है या उन्हें चोट लग सकती है। यह प्रावधान न केवल मोटर वाहनों (Vehicles) के चालकों पर लागू होता है बल्कि साइकिल चालकों और अन्य वाहनों पर भी।

इस सेक्शन के अनुसार, ऐसे लापरवाह वाहन चालकों को छह महीने की कैद, एक हज़ार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

उदाहरण: एक मोटरसाइकिल चालक भीड़ भरे बाज़ार से तेज़ी से निकलता है और पैदल यात्रियों की सुरक्षा की कोई परवाह नहीं करता। भले ही तुरंत कोई चोट न हो, उसकी लापरवाही लोगों के लिए ख़तरनाक है। ऐसे व्यक्ति पर सेक्शन 281 के तहत सज़ा हो सकती है क्योंकि उसने सार्वजनिक सुरक्षा (Public Safety) को खतरे में डाला है।

सेक्शन 282: जलयान का लापरवाह संचालन (Reckless Navigation of Vessels)

सेक्शन 282 उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो जलयान (Vessel) को इतनी लापरवाही से चलाते हैं कि दूसरों के जीवन को खतरा हो या उन्हें चोट पहुंचने की संभावना हो। इस सेक्शन में नावों और जल परिवहन के ख़तरों को ध्यान में रखा गया है। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को छह महीने की कैद, दस हज़ार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

उदाहरण: एक नाव चालक तंग नहर से तेज़ गति से गुजरता है जिसमें छोटी मछली पकड़ने वाली नावें भी होती हैं। उसकी लापरवाही से दुर्घटना हो सकती है, जिससे दूसरे लोग खतरे में पड़ सकते हैं। ऐसे व्यक्ति पर सेक्शन 282 के तहत सज़ा हो सकती है, क्योंकि उसने जलमार्ग (Waterway) में लापरवाही दिखाई है।

सेक्शन 283: गलत प्रकाश या चिह्न से नेविगेशन में भटकाव (Misleading Navigation by False Lights, Marks, or Buoys)

सेक्शन 283 का उद्देश्य जलमार्गों पर गलत दिशा-निर्देश (Misdirection) देने से रोकना है। यह उन लोगों पर लागू होता है जो जानबूझकर नेविगेटरों (Navigators) को भटकाने के लिए गलत लाइट, चिह्न या बुआ (Buoy) का प्रदर्शन करते हैं।

ऐसे कार्य से जलयान (Vessel) गलत दिशा में जा सकते हैं और खतरनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इस सेक्शन के तहत दोषियों को सात साल की कैद और दस हज़ार रुपये से कम नहीं का जुर्माना हो सकता है।

उदाहरण: किसी व्यक्ति ने बंदरगाह (Harbor) के पास गलत संकेतक के साथ एक बुआ लगा दी ताकि जलयान गलत दिशा में चले जाएं। इससे गंभीर नेविगेशन (Navigation) की गलतियाँ हो सकती हैं और चालक दल तथा सामान दोनों को खतरा हो सकता है। ऐसे व्यक्ति पर सेक्शन 283 के तहत कड़ी सज़ा हो सकती है, क्योंकि उसने जानबूझकर सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डाला है।

सेक्शन 284: ओवरलोडेड या असुरक्षित जलयान का संचालन (Negligent Operation of Overloaded or Unsafe Vessels)

सेक्शन 284 उन लोगों पर लागू होता है जो जानबूझकर या लापरवाही से यात्रियों को ऐसी नाव या जलयान में ले जाते हैं जो सुरक्षित नहीं होती, खासकर अगर वो क्षमता से ज्यादा भरी गई हो। अगर ऐसी स्थिति में यात्री खतरे में पड़ते हैं, तो दोषी को छह महीने की कैद, पाँच हज़ार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

उदाहरण: एक नाव चालक अपनी नाव में ज्यादा यात्रियों को बैठाता है, जबकि उसे पता है कि इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। अगर इस लापरवाही से किसी यात्री को खतरा होता है, तो उस पर सेक्शन 284 के तहत कार्यवाही हो सकती है। यह प्रावधान बताता है कि यात्री सुरक्षा (Passenger Safety) का ध्यान रखना कितना आवश्यक है।

सेक्शन 285: सार्वजनिक स्थानों में खतरा या अवरोध उत्पन्न करना (Causing Danger or Obstruction in Public Places)

सेक्शन 285 उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो अपने किसी कार्य या संपत्ति के गलत प्रबंधन से किसी सार्वजनिक स्थान (Public Place) पर खतरा या अवरोध (Obstruction) उत्पन्न करते हैं। इस सेक्शन में सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति हर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी पर जोर दिया गया है। दोषियों को पांच हज़ार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

उदाहरण: एक दुकानदार अपनी दुकान के बाहर निर्माण सामग्री छोड़ देता है जिससे पैदल यात्रियों के लिए रास्ता बंद हो जाता है और वो खतरे में पड़ सकते हैं। इस प्रकार की लापरवाही पर सेक्शन 285 के तहत जुर्माना हो सकता है, क्योंकि यह सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालता है।

भारतीय न्याय संहिता, 2023 के सेक्शन 281 से 285, सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हैं और लापरवाही तथा गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को दंडित करते हैं। ये प्रावधान बतलाते हैं कि सड़क, जलमार्ग या सार्वजनिक स्थानों पर हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।

इन प्रावधानों के माध्यम से न्याय संहिता का उद्देश्य जिम्मेदारी को बढ़ावा देना और जनता की भलाई सुनिश्चित करना है।

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