एडहेसिव स्टाम्प को रद्द न करने पर दंड: भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा 63 और 64

भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (Indian Stamp Act, 1899) एक महत्वपूर्ण कानून है जो विभिन्न कानूनी (Legal) और वित्तीय दस्तावेजों (Financial Documents) पर स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) के भुगतान को नियंत्रित करता है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि सभी महत्वपूर्ण लेन-देन सही तरीके से दर्ज किए जाएं और सरकार को उचित राजस्व प्राप्त हो।
इस अधिनियम की धारा 63 और 64 (Section 63 and Section 64) में उन परिस्थितियों के लिए दंड का प्रावधान किया गया है जब कोई व्यक्ति स्टाम्प शुल्क से संबंधित नियमों का पालन नहीं करता है। धारा 63 में एडहेसिव स्टाम्प (Adhesive Stamp) को सही तरीके से रद्द (Cancel) न करने पर दंड दिया जाता है, जबकि धारा 64 में महत्वपूर्ण तथ्यों (Important Facts) को छिपाने और सरकार को धोखा देने के प्रयास पर दंड का प्रावधान है।
धारा 63: एडहेसिव स्टाम्प को रद्द (Cancel) न करने पर दंड
एडहेसिव स्टाम्प (Adhesive Stamp) क्या होता है?
एडहेसिव स्टाम्प वे स्टाम्प होते हैं जो किसी दस्तावेज़ पर चिपकाए जाते हैं और उन्हें पुन: उपयोग (Reuse) से बचाने के लिए रद्द करना आवश्यक होता है। यदि कोई व्यक्ति इसे सही तरीके से रद्द नहीं करता, तो यह सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि एक ही स्टाम्प को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
एडहेसिव स्टाम्प को रद्द करना क्यों जरूरी है?
अगर एडहेसिव स्टाम्प को ठीक से रद्द नहीं किया जाता है, तो इसे आसानी से किसी अन्य दस्तावेज़ पर दोबारा उपयोग किया जा सकता है। इससे सरकार को स्टाम्प शुल्क का नुकसान होगा। इसे रोकने के लिए, अधिनियम की धारा 12 (Section 12) में यह अनिवार्य किया गया है कि जब भी कोई व्यक्ति एडहेसिव स्टाम्प का उपयोग करे, तो उसे सही तरीके से रद्द करे—जैसे कि स्टाम्प पर हस्ताक्षर (Signature) करना, उस पर एक रेखा खींचना (Cross Mark) या किसी अन्य निर्दिष्ट तरीके (Prescribed Method) से इसे निशान (Mark) लगाकर अमान्य (Invalid) करना।
धारा 63 के तहत दंड (Penalty under Section 63)
यदि कोई व्यक्ति एडहेसिव स्टाम्प को सही तरीके से रद्द नहीं करता है, तो उसे ₹100 तक का जुर्माना (Fine) हो सकता है। हालांकि यह राशि बहुत अधिक नहीं लगती, लेकिन इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोग स्टाम्प शुल्क नियमों का पालन करें और सरकार को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
उदाहरण (Illustration)
मान लीजिए कि अमित (Amit) ने एक अनुबंध (Contract) पर ₹10 का स्टाम्प चिपकाया, लेकिन उसने उस पर हस्ताक्षर नहीं किए या उसे अन्य तरीके से रद्द नहीं किया। बाद में रवि (Ravi) ने वही स्टाम्प निकालकर किसी दूसरे अनुबंध पर उपयोग कर लिया।
चूंकि स्टाम्प पहले से रद्द नहीं किया गया था, इसलिए यह फ्रॉड (Fraud) की स्थिति बन गई। इस मामले में, अमित पर धारा 63 के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है, और रवि पर स्टाम्प के धोखाधड़ी पूर्ण उपयोग (Fraudulent Use) का मामला बन सकता है।
धारा 64: आवश्यक विवरण छिपाने पर दंड (Penalty for Omission of Important Details)
धारा 27 (Section 27) का महत्व
धारा 64 सीधे तौर पर धारा 27 (Section 27) से जुड़ी हुई है। धारा 27 में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी दस्तावेज में सभी आवश्यक विवरणों (Essential Details) को स्पष्ट रूप से दर्ज करना आवश्यक है, ताकि उस पर उचित स्टाम्प शुल्क लगाया जा सके। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर इन विवरणों को छिपाता है, तो यह सरकार के लिए राजस्व हानि (Revenue Loss) का कारण बन सकता है।
धारा 64 के अंतर्गत अपराध (Offenses under Section 64)
1. दस्तावेज़ में अधूरी जानकारी देना (Providing Incomplete Information)
यदि कोई व्यक्ति ऐसा दस्तावेज़ तैयार करता है जिसमें महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts) और परिस्थितियां (Circumstances) पूरी तरह से दर्ज नहीं हैं, तो यह धारा 64 के तहत दंडनीय अपराध होगा।
2. दस्तावेज़ तैयार करने वाले व्यक्ति की लापरवाही (Negligence of Document Preparers)
यदि कोई व्यक्ति, जो किसी अनुबंध (Contract), बिक्री विलेख (Sale Deed) या अन्य दस्तावेज़ (Instrument) को तैयार करने में मदद कर रहा है, आवश्यक विवरणों को दर्ज नहीं करता, तो उसे भी दोषी (Guilty) माना जाएगा।
3. स्टाम्प शुल्क बचाने के लिए गलत सूचना देना (Providing False Information to Avoid Stamp Duty)
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई ऐसा कार्य करता है जिससे सरकार को स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) या दंड (Penalty) में नुकसान हो, तो उसे धारा 64 के तहत दंडित किया जा सकता है।
धारा 64 के तहत दंड (Penalty under Section 64)
अगर कोई व्यक्ति इस धारा का उल्लंघन करता है, तो उसे ₹5,000 तक का जुर्माना (Fine) हो सकता है। यह धारा 63 की तुलना में काफी सख्त (Stricter) है, क्योंकि यह सीधे सरकारी राजस्व को नुकसान (Revenue Loss to Government) से संबंधित है।
उदाहरण (Illustrations)
1. गलत मूल्यांकन (Undervalued Sale Deed)
मान लीजिए कि राजेश (Rajesh) ने अपनी संपत्ति विकास (Vikas) को ₹50 लाख में बेची, लेकिन स्टाम्प शुल्क बचाने के लिए उसने ₹30 लाख दर्ज किया। यह सरकार को धोखा देने का प्रयास होगा और धारा 64 के तहत दंडनीय अपराध होगा।
2. वकील या एजेंट की लापरवाही (Negligence by Lawyer or Agent)
यदि श्याम (Shyam), जो एक वकील (Lawyer) है, किसी संपत्ति समझौते (Property Agreement) में सही बिक्री मूल्य दर्ज नहीं करता है, जिससे स्टाम्प शुल्क कम हो जाए, तो वह भी इस धारा के तहत उत्तरदायी (Liable) होगा।
3. अन्य धोखाधड़ीपूर्ण कार्य (Other Fraudulent Acts)
अगर कोई व्यक्ति बंधक विलेख (Mortgage Deed) तैयार करता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छिपा लेता है ताकि स्टाम्प शुल्क कम लगे, तो यह धारा 64 के तहत दंडनीय होगा।
धारा 63 और धारा 64 के बीच अंतर (Difference Between Section 63 and Section 64)
• धारा 63 (Section 63): इसमें एडहेसिव स्टाम्प (Adhesive Stamp) को रद्द न करने पर अधिकतम ₹100 का जुर्माना है।
• धारा 64 (Section 64): इसमें जानबूझकर स्टाम्प शुल्क बचाने के लिए गलत विवरण देने पर ₹5,000 तक का जुर्माना है।
• धारा 63 एक छोटी गलती (Minor Mistake) को दंडित करता है, जबकि धारा 64 एक गंभीर अपराध (Serious Offense) को संबोधित करता है।
धारा 63 और धारा 64 का उद्देश्य स्टाम्प शुल्क (Stamp Duty) से जुड़े नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना है। यदि इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो यह न केवल सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाता है बल्कि दस्तावेज़ों की वैधता (Legitimacy) पर भी सवाल खड़ा करता है। इसलिए, इन प्रावधानों का पालन करना कानूनी (Legal) और वित्तीय (Financial) दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।