दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से जुड़े अपराध: भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 335
भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) में दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड (Electronic Record) से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए विस्तृत प्रावधान दिए गए हैं। इसकी धारा 335 इस बात को स्पष्ट करती है कि किन परिस्थितियों में कोई व्यक्ति झूठा दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाता है। यह धारा धोखाधड़ी (Fraud) और बेईमानी (Dishonesty) को रोकने के लिए कई स्थितियों को परिभाषित करती है।
झूठा दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाना (Making a False Document or Electronic Record - Clause A)
धारा 335 के क्लॉज A में यह बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज़, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड, या इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर (Electronic Signature) को बेईमानी या धोखाधड़ी से बनाता है, तो वह अपराधी है।
इसके अंतर्गत निम्नलिखित स्थितियां आती हैं:
1. दस्तावेज़ बनाना, साइन करना या सील लगाना (Creating, Signing, or Sealing a Document)
अगर कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज़ को इस इरादे से बनाता है कि लोग मानें कि इसे किसी और ने अधिकृत (Authorized) किया है, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर राज किसी वचन पत्र (Promissory Note) पर रवि के नकली हस्ताक्षर कर देता है और उसे ऋण (Loan) लेने के लिए प्रस्तुत करता है, तो राज ने झूठा दस्तावेज़ बनाया है।
2. झूठा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ट्रांसमिट करना (Transmitting a False Electronic Record)
अगर कोई व्यक्ति ऐसा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड ट्रांसमिट करता है जिससे लगे कि इसे किसी अधिकृत व्यक्ति ने भेजा है, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर किसी ने सरकारी अधिकारी की तरह दिखने वाला नकली ईमेल भेजा, तो यह झूठा इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाना माना जाएगा।
3. झूठा इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर लगाना (Affixing a False Electronic Signature)
अगर कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज़ पर झूठा इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर लगाता है, जिससे लगे कि इसे किसी और ने किया है, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर प्रिया बिना अनुमति के अपने बॉस का डिजिटल हस्ताक्षर (Digital Signature) किसी फाइल पर लगाती है, तो वह दोषी होगी।
4. दस्तावेज़ के प्रामाणिकता चिह्न को नकली बनाना (Falsifying Marks of Execution or Authenticity)
अगर कोई व्यक्ति दस्तावेज़ पर नकली मोहर (Seal) लगाता है ताकि वह असली लगे, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर अमित एक नकली कंपनी की मोहर (Seal) दस्तावेज़ पर लगाता है, तो वह इस प्रावधान का उल्लंघन करता है।
दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में बदलाव करना (Altering a Document or Electronic Record - Clause B)
धारा 335 के क्लॉज B में उन परिस्थितियों को शामिल किया गया है, जहां कोई व्यक्ति पहले से बने दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड में बिना अनुमति के कोई बड़ा बदलाव (Material Alteration) करता है।
• महत्वपूर्ण बदलाव (Material Alteration)
अगर कोई व्यक्ति किसी दस्तावेज़, जैसे चेक की राशि बदलना या अनुबंध (Contract) की शर्तों को बदलता है, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर स्नेहा बिना सूचना दिए किसी अनुबंध की तारीख को बदलती है, तो उसने दस्तावेज़ में अवैध परिवर्तन (Unauthorized Alteration) किया है।
दूसरों को दस्तावेज़ बनाने या बदलने के लिए बाध्य करना (Inducing Others to Create or Alter Documents - Clause C)
धारा 335 के क्लॉज C में उन स्थितियों का उल्लेख है, जहां कोई व्यक्ति दूसरों को किसी दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को बनाने, बदलने, या हस्ताक्षर (Signature) करने के लिए बाध्य (Induce) करता है।
मानसिक कमजोरी या नशे की स्थिति में बाध्य करना (Inducing Unsound or Intoxicated Persons)
अगर कोई व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर या नशे की स्थिति में किसी को दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाता है, तो यह अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर कोई नशे में व्यक्ति से उसकी संपत्ति (Property) के बिक्री पत्र (Sale Deed) पर हस्ताक्षर करवाता है, तो यह दंडनीय अपराध है।
धोखे से दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करवाना (Deceiving a Person to Sign a Document)
अगर कोई व्यक्ति किसी को धोखे से ऐसा दस्तावेज़ साइन करवा ले, जिसका असली अर्थ वह नहीं समझता, तो यह भी अपराध है।
उदाहरण (Example): अगर किसी अशिक्षित व्यक्ति से ऋण समझौते (Loan Agreement) पर यह कहकर हस्ताक्षर करवा लिए जाएं कि यह किराए का समझौता (Rental Agreement) है, तो यह धोखा है।
धारा 335 का व्यापक प्रभाव (Broader Implications of Section 335)
यह धारा यह सुनिश्चित करती है कि दस्तावेज़, चाहे वे कागजी हों या इलेक्ट्रॉनिक, उनकी प्रामाणिकता (Authenticity) और विश्वसनीयता (Reliability) बनी रहे। आज के डिजिटल युग (Digital Age) में जहां तकनीकी धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, यह प्रावधान सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 335 झूठे दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत प्रावधान है। यह न केवल पारंपरिक जालसाजी (Forgery) को कवर करता है, बल्कि डिजिटल युग में उभरती नई चुनौतियों से निपटने में भी सहायक है। यह कानून दस्तावेज़ों और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की विश्वसनीयता को बनाए रखने और समाज में पारदर्शिता (Transparency) सुनिश्चित करने में सहायक है।