भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत सिक्कों, करेंसी नोट्स, बैंक नोट्स और सरकारी टिकटों से जुड़े अपराध
भारतीय न्याय संहिता 2023, जो भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की जगह आई है, 1 जुलाई 2024 से लागू हो गई है। इस संहिता के अध्याय 10 में सिक्कों, करेंसी नोट्स, बैंक नोट्स और सरकारी टिकटों से जुड़े विभिन्न अपराधों का उल्लेख किया गया है। ये प्रावधान देश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं ताकि धोखाधड़ी और जालसाजी (Forgery) से बचा जा सके। इस लेख में हम धाराएं 181, 182 और 183 को सरल हिंदी में समझाएंगे और उदाहरण देकर इन्हें और स्पष्ट करेंगे।
ध्यान देने योग्य है कि सिक्कों और नकली वस्तुओं के निर्माण और तस्करी से संबंधित अपराधों को भारतीय न्याय संहिता की धारा 178-180 में कवर किया गया है। इन धाराओं की विस्तृत जानकारी के लिए आप लाइव लॉ हिंदी (Live Law Hindi) के पिछले पोस्ट का संदर्भ ले सकते हैं।
भारतीय न्याय संहिता 2023 ने सिक्कों, करेंसी नोट्स, बैंक नोट्स और सरकारी टिकटों की जालसाजी से संबंधित अपराधों के लिए सख्त प्रावधान लागू किए हैं। धारा 181, 182 और 183 देश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और सरकारी राजस्व की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। जालसाजी के लिए मशीनों के निर्माण या कब्जे पर सख्त दंड, करेंसी नोट्स से मिलते-जुलते दस्तावेजों के निर्माण और सरकारी टिकटों के धोखाधड़ी से पुनः उपयोग को नियंत्रित करने वाले ये प्रावधान ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी हैं।
इन प्रावधानों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों में कड़े कदम उठा रही है और ऐसे अपराधों पर सख्त सजा देकर देश की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है।
धारा 181: जालसाजी के लिए मशीनरी का निर्माण या उपयोग (Making or Possessing Machinery for Forgery)
धारा 181 उन व्यक्तियों से संबंधित है जो सिक्कों, सरकारी टिकटों या करेंसी नोट्स की जालसाजी (Forgery) के लिए मशीनरी, उपकरण (Instruments) या अन्य सामग्री का निर्माण, मरम्मत या उपयोग करते हैं। यह प्रावधान तब भी लागू होता है जब व्यक्ति जानता हो या मानने का कारण हो कि ये उपकरण नकली वस्तुएं बनाने के लिए उपयोग किए जाएंगे। इस अपराध के लिए आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।
उदाहरण और समझ: मान लीजिए कि रमेश के पास एक ऐसी मशीन है जिससे ₹500 के नकली नोट बनाए जा सकते हैं। वह दावा करता है कि यह मशीन सिर्फ व्यक्तिगत उपयोग के लिए है और उसका किसी जालसाजी में हाथ नहीं है। लेकिन चूंकि यह मशीन खास तौर पर नकली नोट बनाने के लिए बनी है और रमेश को पता था कि इसका उपयोग जालसाजी के लिए हो सकता है, तो उसे धारा 181 के तहत दंडित किया जाएगा। भले ही रमेश ने नकली नोट न बनाए हों, केवल ऐसी मशीन रखने से, जिसका उद्देश्य जालसाजी है, वह दोषी माना जाएगा।
धारा 182: नकली दस्तावेज जो करेंसी नोट्स की तरह दिखते हैं (Forging Documents Resembling Currency Notes)
धारा 182 उन व्यक्तियों पर लागू होती है जो ऐसे दस्तावेज़ बनाते हैं या उनका उपयोग करते हैं, जो करेंसी नोट्स या बैंक नोट्स की तरह दिखते हैं और लोगों को धोखा देने की संभावना रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसा दस्तावेज़ बनाता है, वितरित करता है, या उपयोग करता है, जो करेंसी नोट्स से मेल खाता हो, तो उस पर ₹300 तक का जुर्माना हो सकता है।
अगर उस दस्तावेज़ पर किसी व्यक्ति का नाम हो और वह व्यक्ति पुलिस को नहीं बताता कि उसे किसने छापा है, तो उस पर ₹600 तक का जुर्माना लग सकता है। इसके अलावा, अगर किसी दस्तावेज़ पर किसी का नाम है जो बैंक नोट्स की जालसाजी से संबंधित है, तो तब तक माना जाएगा कि उस व्यक्ति ने दस्तावेज़ बनवाया है जब तक कि वह इसका खंडन न कर दे।
उदाहरण और समझ: मान लीजिए कि रवि ₹2000 के नोटों की तरह दिखने वाले पर्चे बनाता है और उन्हें बाजार में बांटता है ताकि लोगों का ध्यान आकर्षित कर सके। भले ही रवि कहे कि ये पर्चे सिर्फ प्रचार के लिए थे, लेकिन चूंकि ये करेंसी नोट्स की तरह दिखते हैं और लोगों को धोखा दे सकते हैं, उसे धारा 182 के तहत दंडित किया जाएगा। अगर पुलिस जांच करती है और रवि यह नहीं बताता कि पर्चे किसने छापे, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धारा 183: सरकारी टिकटों से धोखाधड़ी (Fraudulent Removal of Government Stamps)
धारा 183 उन लोगों पर लागू होती है जो राजस्व (Revenue) के लिए जारी सरकारी टिकटों से किसी दस्तावेज़ को धोखाधड़ी से हटाते हैं या उन टिकटों का अन्य दस्तावेज़ों पर उपयोग करने के लिए पुनः उपयोग करते हैं। अगर कोई व्यक्ति एक दस्तावेज़ से सरकारी टिकट हटाता है और उसे दूसरे दस्तावेज़ पर चिपकाता है, ताकि उसे नया टिकट न खरीदना पड़े, तो यह अपराध है। इस अपराध के लिए 3 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
उदाहरण और समझ: मान लीजिए कि गीता ₹100 का एक राजस्व टिकट खरीदती है और उसे एक कानूनी दस्तावेज़ पर इस्तेमाल करती है। बाद में, वह उस टिकट को उस दस्तावेज़ से हटाकर दूसरे दस्तावेज़ पर चिपकाती है ताकि नया टिकट न खरीदना पड़े। यह सरकार के राजस्व का नुकसान करने का कार्य है। धारा 183 के तहत गीता को 3 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है।
पिछले धाराओं का संदर्भ
सिक्कों, करेंसी नोट्स और सरकारी टिकटों की जालसाजी से संबंधित व्यापक जानकारी भारतीय न्याय संहिता की धारा 178, 179, और 180 में दी गई है। इन धाराओं में नकली वस्तुओं के निर्माण, कब्जे और व्यापार से संबंधित प्रावधान हैं। विस्तार से जानकारी के लिए, आप हमारे पिछले पोस्ट को लाइव लॉ हिंदी (Live Law Hindi) पर देख सकते हैं।
धारा 178 में जालसाजी के लिए नकली सिक्कों, करेंसी नोट्स या सरकारी टिकटों के निर्माण की सजा दी गई है, जिसमें आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा और जुर्माना शामिल है। धारा 179 नकली वस्तुओं के व्यापार से संबंधित है, जबकि धारा 180 नकली वस्तुओं के कब्जे से संबंधित है, जब व्यक्ति उन्हें असली के रूप में उपयोग करने का इरादा रखता हो।