किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले क्या उसे नोटिस दिया जाता है ? जानिए सीआरपीसी की धारा 41 A के प्रावधान

Update: 2023-02-24 11:03 GMT

पवन खेड़ा। कांग्रेस के जाने माने नेता। 23 फरवरी यानी गुरूवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे थे। तभी असम पुलिस ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई।

सुनवाई के दौरान CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली में सक्षम मजिट्रेट के समाने पेश किए जाने पर खेड़ा को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दी। इसका मतलब ये है कि खेडा को नियमित जमानत के लिए याचिका दायर करने तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाएगी। ये आदेश 28 फरवरी यानी मंगलवार तक प्रभावी रहेगा।

कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को पवन खेड़ा की FIR को क्लब करने की याचिका पर नोटिस भी जारी किया है।

आपको बता दें, पवन खेड़ा पर आरोप है कि उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजक टिप्पणी की है। इसकी को लेकर उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तरह केस दर्ज किया गया है।

सुनवाई के दौरान पवन खेड़ा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मनु सिंघवी ने कहा कि अरेस्ट करने के पहले पुलिस ने CrPC के सेक्शन 41 A के तहत खेड़ा को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। बिना नोटिस दिए अरेस्ट नहीं किया जा सकता।

वकील सिंघवी ने ये भी कहा कि केस के मुताबिक अपराध के लिए 3 से 5 साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। और अर्नेश कुमार मामले में दिए गए फैसले के अनुसार अरेस्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

अब सवाल उठता है कि क्या पुलिस बिना नोटिस दिए किसी को गिरफ्तार कर सकती है? गिरफ्तारी से पहले पवन खेड़ा को CrPC के सेक्शन 41A के तहत नोटिस क्यों नहीं दिया गया?

इन सबका जवाब पाने के लिए हमें गिरफ्तारी के जुड़ी कानूनी प्रक्रिया को समझना होगा।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,

“अंधाधुंध गिरफ्तारियां औपनिवेशिक मानसिकता दर्शाती है। अनावश्यक गिरफ्तारियां CrPC के सेक्शन 41 और 41 A का उल्लंघन है। अगर कोई पुलिस अधिकारी इन धाराओं का उल्लंघन कर गिरफ्तारी करता है तो संबंधित कोर्ट उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।“

कोट ने ये भी कहा था,

“अगर गिरफ्तारी के समय सेक्शन 41 और 41A के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया तो आरोपी को जमानत मिल जाएगी।“

सबसे पहले समझते हैं, CrPC के सेक्शन 41 के तहत गिरफ्तारी से जुड़े क्या प्रावधान हैं?

दरअसल, सीआरपीसी के सेक्शन 41 के तहत पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट ऑर्डर या वारंट के बिना किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। या यू कहें बिना सूचना दिए पुलिसी किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है।

इस सेक्शन तहत उन लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है जिनके खिलाफ संज्ञेय अपराध की शिकायत हो। या ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है जिन पर उन धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई हो जिसमें सात साल की सजा का प्रावधान हो।

आइए जानते हैं सेक्शन 41 A के क्या प्रावधान हैं?

सेक्शन 41 के विपरीत सेक्शन 41 A में किसी को अरेस्ट करने से पहले नोटिस दिए जाने का प्रावधान है। यानी बिना सूचना दिए किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। इसमें सात साल से कम की सजा वाले मामले आते हैं।

पुलिस जिसे नोटिस भेजे, उस व्यक्ति का कर्तव्य है कि वो नोटिस में कही गई बातों का पालन करे। अगर व्यक्ति नोटिस के निर्देशों का पालन करता है और वो पुलिस के सामने हाजिर होता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं करेगी। हालांकि, अगर पुलिस को लगे कि उसे गिरफ्तार करना जरूरी है तो वो लिखित में अपनी दलीलें देकर व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है।

अगर व्यक्ति पुलिस के सामने हाजिर नहीं होता है तो पुलिस उसे अरेस्ट कर सकती है. लेकिन इसके लिए पुलिस को कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ अरेस्ट वांरट जारी करवाना होगा।

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