राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 26, 27 और 28 के अंतर्गत अधिकारियों और न्यायालयों के अतिरिक्त और अंतर्निहित
धारा 26 - न्यायालयों और अधिकारियों के अतिरिक्त अधिकार (Additional Powers of Courts and Officers)
राजस्थान सरकार (State Government) के पास यह अधिकार है कि वह एक अधिसूचना (Notification) के माध्यम से विभिन्न राजस्व अधिकारियों को उनके मौजूदा अधिकारों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य अधिकार सौंप सकती है। धारा 26 इस प्रक्रिया को विस्तार से बताती है। आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।
राज्य सरकार निम्नलिखित प्रकार से अतिरिक्त अधिकार प्रदान कर सकती है :
• Naib-Tehsildar को Tehsildar के सारे या कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Tehsildar को Assistant Collector के सारे या कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Assistant Collector को Sub-Divisional Officer, Land Records Officer या Settlement Officer या Collector के सारे या कुछ अधिकार सौंपे जा सकते हैं।
• Sub-Divisional Officer को Land Records Officer, Settlement Officer या Collector के सारे या कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Land Records Officer या Settlement Officer को Sub-Divisional Officer, Assistant Collector या Collector के सारे या कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Collector को Settlement Officer के सारे या कुछ अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Commissioner को Settlement Commissioner या Director of Land Records के अधिकार दिए जा सकते हैं।
• Settlement Commissioner को Director of Land Records के अधिकार दिए जा सकते हैं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सभी अधिकार किस क्षेत्र (Area) और किस प्रकार के मामलों (Cases) पर लागू होंगे, यह राज्य सरकार निर्धारित करेगी।
उदाहरण (Illustration):
मान लीजिए किसी जिले में Settlement Officer की नियुक्ति नहीं हो पाई है, लेकिन काम का दबाव बहुत अधिक है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार किसी Assistant Collector को Settlement Officer के अधिकार देकर उस क्षेत्र के भूमि बंदोबस्त (Land Settlement) से जुड़े काम सौंप सकती है।
व्यक्तिगत और पद के अनुसार अधिकार देना:
राज्य सरकार चाहे तो किसी अधिकारी को उसके नाम से या फिर सभी अधिकारियों के वर्ग (Class of Officers) के तौर पर उनके पदनाम (Official Designation) के आधार पर अधिकार प्रदान कर सकती है। यानी अगर Tehsildar वर्ग को अधिकार दिए हैं, तो सभी तहसीलदार इस अधिकार का उपयोग कर सकेंगे।
स्थानांतरण (Transfer) के समय अधिकार:
अगर कोई अधिकारी जो नाम लेकर विशेष अधिकारों से सुसज्जित किया गया है, उसे स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो उसे नए स्थान पर भी वही अधिकार प्राप्त रहेंगे जब तक कि राज्य सरकार कोई अन्य आदेश न जारी कर दे।
धारा 27 - न्यायालयों और अधिकारियों के अंतर्निहित (Inherent) अधिकार
धारा 27 में यह बताया गया है कि जिन अधिकारियों को धारा 25 और धारा 26 के तहत अधिकार मिले हैं, उनके पास कुछ अतिरिक्त स्वाभाविक (Inherent) अधिकार भी होंगे। इसका अर्थ यह है कि कुछ बड़े अधिकारी, अपने से छोटे अधिकारियों के अधिकार भी स्वयं प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण के माध्यम से समझते हैं:
• Commissioner के पास, यदि उसे धारा 26 के तहत अधिकार मिलते हैं, तो वह Land Records Officer और उसके अधीनस्थ अधिकारियों (Subordinate Officers) के सभी अधिकारों का भी उपयोग कर सकता है।
• Revenue Appellate Authority के पास Collector, Sub Divisional Officer, Assistant Collector और Tehsildar के सभी अधिकार होंगे।
• Collector के पास Sub Divisional Officer, Assistant Collector और Tehsildar के सभी अधिकार होंगे।
• Sub Divisional Officer के पास Assistant Collector और Tehsildar के सभी अधिकार होंगे।
• Assistant Collector के पास Tehsildar और Naib-Tehsildar के सभी अधिकार होंगे।
• Tehsildar के पास Naib-Tehsildar के सभी अधिकार होंगे।
• Land Records Officer या Settlement Officer के पास Tehsildar, Naib-Tehsildar तथा अन्य नियुक्त अधिकारियों के अधिकार होंगे जो Chapter VII और Chapter VIII में वर्णित हैं।
उदाहरण (Illustration):
अगर कोई व्यक्ति Assistant Collector के पास कोई विवाद लेकर जाता है, लेकिन Assistant Collector उस विवाद को Tehsildar स्तर का मानता है, तो वह स्वयं ही Tehsildar की तरह निर्णय ले सकता है, उसे अलग से आदेश लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
धारा 28 - स्थायी रिक्तियों (Permanent Vacancies) पर अधिकारियों का अस्थायी कार्यभार (Temporary Charge)
धारा 28 एक बहुत ही व्यावहारिक और महत्वपूर्ण स्थिति से संबंधित है। इसमें बताया गया है कि यदि किसी Commissioner, Collector, Sub-Divisional Officer या Tehsildar का पद स्थायी रूप से खाली हो जाता है (जैसे – सेवानिवृत्ति, मृत्यु या अन्य कारणों से), तो जब तक राज्य सरकार कोई नया आदेश नहीं जारी करती, तब तक जो भी अधिकारी उस पद का कार्यभार अस्थायी रूप से संभालेगा, उसे भी वही सारे अधिकार और कर्तव्य प्राप्त होंगे जो मूल अधिकारी को प्राप्त थे।
उदाहरण (Illustration):
अगर किसी जिले के Collector का अचानक स्थानांतरण हो जाए और नए Collector की नियुक्ति में कुछ समय लगे, तो तब तक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (Additional District Magistrate) या अन्य कोई अधिकारी अस्थायी तौर पर Collector का पूरा प्रशासनिक कार्यभार और अधिकार संभालेगा। इसी प्रकार से अगर किसी तहसील में Tehsildar का पद खाली हो जाए, तो Naib-Tehsildar को तहसील का पूरा काम संभालने का अधिकार मिलेगा।
धारा 26, 27 और 28 मिलकर राजस्थान में राजस्व प्रशासन को स्थिर और निरंतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। राज्य सरकार को यह लचीलापन (Flexibility) प्रदान किया गया है कि वह ज़रूरत के अनुसार अधिकारियों के अधिकार बढ़ा सकती है, स्थान बदलने पर भी अधिकार सुनिश्चित कर सकती है और प्रशासनिक कार्य में किसी भी प्रकार की बाधा को रोका जा सकता है।
इन प्रावधानों से यह भी स्पष्ट होता है कि उच्च पदस्थ अधिकारी, स्वाभाविक रूप से अपने अधीनस्थ अधिकारियों के अधिकारों का भी उपयोग कर सकते हैं, जिससे निर्णय प्रक्रिया तेज और प्रभावी होती है।
यह पूरी प्रणाली प्रशासनिक दक्षता (Administrative Efficiency) और न्यायिक सुदृढ़ता (Judicial Robustness) सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।