Consumer Protection Act की कंप्लेंट पर लगने वाली कोर्ट फीस

Update: 2025-06-09 09:27 GMT

किसी भी सिविल केस में वादी को कोर्ट की अदा करना होती है तब उसका मामला अदालत में रजिस्टर्ड होता है, अदालत उसके बाद को सुनती है। इसी तरह कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट में भी कोर्ट फीस की व्यवस्था है हालांकि इस एक्ट में कोर्ट फीस बहुत नाम मात्र की है। उपभोक्ताओं को कोर्ट फीस के बोझ से बचाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के तहत किसी भी उपभोक्ता को नाममात्र की कोर्ट फीस पर अपना प्रकरण दर्ज करवाने की सुविधा उपलब्ध है।

उपभोक्ता संरक्षण उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नियम 2020 के नियम 7 के अंतर्गत शिकायत दर्ज किए जाने के शुल्क के संबंध में निम्न उल्लेख किया गया है:-

शिकायत दायर करने के लिए शुल्क (1) धारा 35 की उपधारा (1) अथवा 47 की उपधारा (1) के खंड (क) के उपखंड (i) और (ii) अथवा धारा 58 की उपधारा (1) के दंड (क) के उपखंड (i) और (ii) के अधीन दायर की गई प्रत्येक शिकायत के साथ जिला आयोग के अध्यक्ष अथवा राज्य आयोग के पंजीयक अथवा राष्ट्रीय आयोग के पंजीयक, जैसा भी मामला हो, के पक्ष में किसी राष्ट्रीयकृत बैंक पर देय रेखांकित डिमांड ड्राफ्ट के रूप में अथवा रेखांकित भारतीय पोस्टल ऑर्डर, जो उस स्थान पर देय हो जहां जिला आयोग, राज्य आयोग अथवा राष्ट्रीय आयोग स्थित है, के माध्यम से अथवा संबंधित आयोग द्वारा की गई व्यवस्था के अनुसार इलेक्ट्रानिक मोड के माध्यम से शुल्क, जैसा कि नीचे दी गई सारणी में विनिर्दिष्ट है, जमा करना होगा।

(2) जिला आयोग अथवा राज्य आयोग, जैसा भी मामला हो, उपनियम (1) के अधीन उनके द्वारा प्राप्त की गई शुल्क की राशि को राज्य के उपभोक्ता कल्याण कोष और जहां ऐसा उपभोक्ता कल्याण स्थापित नहीं है, राज्य सरकार के उपयुक्त खाते में जमा कराएंगे, तथा राष्ट्रीय आयोग उसके द्वारा प्राप्त की गई ऐसी राशि को केन्द्रीय सरकार के उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा कराएंगे।

डिस्ट्रिक्ट फोरम कोर्ट फीस

पांच लाख रुपए तक (शून्य)

पांच से दस लाख तक (200 रुपए)

दस लाख से बीस लाख तक (400 रुपए)

बीस लाख से पचास लाख तक (1000 रुपए)

पचास लाख से एक करोड़ तक (2000 रुपए)

स्टेट फोरम की कोर्ट फीस

एक करोड़ से दो करोड़ तक (2500 रुपए)

दो करोड़ से चार करोड़ तक (3000 रुपए)

चार करोड़ से छः करोड़ तक (4000 रुपए)

छः करोड़ से आठ करोड़ तक (5000 रुपए)

आठ करोड़ से दस करोड़ तक (6000 रुपए)

नेशनल फोरम की कोर्ट फीस

दस करोड़ से ऊपर के लिए( 7500 रुपए)

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