मलयालम फिल्म निर्देशक अखिल मरार के खिलाफ CMDRF में योगदान को हतोत्साहित करने के मामले, अग्रिम जमानत याचिका दायर
केरल हाईकोर्ट ने मलयालम फिल्म निर्देशक अखिल मरार द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर राज्य का रुख मांगा है, जिसे जुलाई में वायनाड भूस्खलन के बाद अपने बयानों के माध्यम से मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (CMDRF) में योगदान को हतोत्साहित करने के लिए बुक किया गया था।
यह मामला जस्टिस सीएस डायस की पीठ के समक्ष आया, जिसने लोक अभियोजक से निर्देश लेने को कहा।
मरार पर कोल्लम ग्रामीण साइबर अपराध पुलिस प्रकोष्ठ ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 45 (उकसाने) और 192 (दंगा भड़काने के लिए उकसाने) और आपदा प्रबंधन अधिनियम (DMA) की धारा 51 (अधिकारी के साथ बाधा डालने या निर्देश का पालन करने से इनकार) के तहत मामला दर्ज किया है।
उन्होंने कथित तौर पर अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से कुछ बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वह व्यक्ति नहीं हैं जिन्होंने आपदाओं से लोगों को बचाया, बल्कि उन्होंने लाभ कमाने के लिए आपदाओं का दुरुपयोग किया। मरार ने यह भी कहा कि वह सीएमडीआरएफ में योगदान देने के बजाय उन लोगों के लिए 4 घर बनाएंगे, जिन्होंने घरों को खो दिया था।
उन्होंने अपनी जमानत याचिका में दलील दी कि राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बदला लेने के लिए उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया है और उन्होंने केवल पोस्ट के माध्यम से अपना सुझाव व्यक्त किया था।
मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।