वक्फ बोर्ड द्वारा विवाह प्रमाण पत्र जारी करना कानून में अनसुना: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को मौखिक रूप से कहा कि विवाहित मुस्लिम आवेदकों को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए वक्फ बोर्ड को अधिकृत करने वाला सरकारी आदेश कानून में अनसुना था।
अदालत ने ए आलम पाशा की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा। याचिका में सरकार के अवर सचिव, अल्पसंख्यक, वक्फ और हज विभाग के हाथों जारी 30 सितंबर, 2023 के सरकारी आदेश को वक्फ अधिनियम, 1995 में निहित प्रावधानों के साथ असंगत और प्रतिकूल घोषित करने की मांग की गई है, और इसलिए इसे अधिनियम के अधिकारातीत घोषित किया जाए।
चीफ़ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने राज्य सरकार को याचिका पर अपनी आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश दिया और मौखिक रूप से कहा, वक्फ बोर्ड को विवाह प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत करने वाला 30 सितंबर का आदेश कानून में अनसुना है। हमें वक्फ अधिनियम के अंतर्गत वह शक्ति दिखाइए जिसके द्वारा वह प्रमाणपत्र जारी कर सकता है।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। हालांकि, अदालत ने अनुरोध स्वीकार नहीं किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की।