IPL टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चिन्नास्वामी भगदड़ के लिए CAT के आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
IPL क्रिकेट टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के उस आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ के लिए टीम को दोषी ठहराया गया है जिसमें 11 लोगों की जान चली गई।
यह दुर्घटना टीम द्वारा आईपीएल में अपनी 2025 की जीत का जश्न चिन्नास्वामी स्टेडियम में मनाने की घोषणा से पहले हुई।
CAT के अनुसार घोषणा अचानक की गई, जिससे पुलिस को तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ के लिए तैयार होने का समय नहीं मिला।
"प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि RCB जिम्मेदार है।”
सेवा कानून न्यायाधिकरण ने मामले में लापरवाही के आरोपी पुलिस अधिकारी को बहाल करते हुए अपने आदेश में कहा था।
CAT ने कहा था,
“RCB ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और उपरोक्त जानकारी के परिणामस्वरूप जनता एकत्रित हो गई। अचानक, RCB ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का उपद्रव किया।"
RCB का दावा कि कैट ने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया, क्योंकि उसने कार्यवाही में सुनवाई का अवसर दिए बिना ही टीम के खिलाफ टिप्पणियां कीं।
याचिका में कहा गया,
"कार्यवाही में पक्ष नहीं होने के बावजूद, आरोपित आदेश याचिकाकर्ता के खिलाफ कई पूर्वाग्रही टिप्पणियां करता है, जिसमें 04.06.2025 को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उसकी कथित भूमिका भी शामिल है, जिसकी परिणति एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलुरु के आसपास भगदड़ के रूप में हुई।"
उन्होंने यह भी बताया कि घटना के संबंध में बेंगलुरु के डीएम और डिप्टी कमिश्नर द्वारा तथ्य-खोजी जांच की जा रही है। फिर भी कैट ने टीम को जिम्मेदार ठहराया।
याचिका में कहा गया,
"जब तथ्यों के निष्कर्षों का अभी भी इंतजार है और किसी भी निकाय द्वारा उक्त घटना में याचिकाकर्ता की कथित भूमिका के बारे में कोई निर्णायक निष्कर्ष नहीं दिया गया तो माननीय केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा इन विवादित तथ्यों पर विचार करना समय से पहले है।"
जहां तक जीत के जश्न के लिए पुलिस की अनुमति मांगने का सवाल है, RCB ने कहा कि सेवा प्रदाता मेसर्स डीएनए नेटवर्क और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के साथ अपने समझौते के अनुसार, ये संस्थाएं ही आवश्यक अनुमति प्राप्त करने और लागू कानून के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थीं।
इस प्रकार याचिका में RCB के खिलाफ की गई टिप्पणियों को हटाने की मांग की गई।