कर्नाटक हाईकोर्ट ने YouTuber द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणी की जांच पर रोक लगाई

Update: 2024-06-25 05:23 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को YouTuber अजीत भारती के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। भारती पर कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ टिप्पणी करने वाले वीडियो ट्वीट को पोस्ट करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए, 502 (2) के तहत आरोप लगाए गए।

वीडियो में भारती ने दावा किया कि कांग्रेस नेता अयोध्या में नए राम मंदिर के स्थल पर बाबरी मस्जिद को फिर से स्थापित करेंगे।

जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि वीडियो ट्वीट में किया गया दावा दो राष्ट्रीय दैनिकों में छपी रिपोर्टों पर आधारित हैं।

पीठ ने कहा,

"यदि ट्वीट कुछ समाचार पत्रों की रिपोर्टों का परिणाम है, जो कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए दावे भी और याचिकाकर्ताओं ने भी ऐसे दावों के संबंध में ट्वीट किया है तो यह दावा बनाम दावा बन जाता है।"

इसमें आगे कहा गया,

"इसलिए समस्या की उत्पत्ति पूर्वोक्त दावे में निहित है, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता ने ट्वीट किया। याचिकाकर्ता के ट्वीट के परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता के खिलाफ झूठी खबर और मनगढ़ंत प्रचार फैलाने, आईपीसी की धारा 153ए और 505 का उल्लंघन करने के लिए शिकायत दर्ज की गई है। यह शीर्षक कि यह मनगढ़ंत प्रचार है, अभिलेखों के विपरीत है, क्योंकि राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने वही छापा है, जो पूर्वोक्त दावा किया गया। इसलिए जब तक विशेष सरकारी अभियोजक पूर्वोक्त प्रकाशन के संबंध में सत्यता के साथ स्पष्ट नहीं हो जाते, तब तक इस याचिकाकर्ता के खिलाफ आगे कोई जांच की अनुमति नहीं दी जा सकती है।''

तदनुसार इसने जांच पर रोक लगा दी और मामले को 19 जुलाई को आगे की सुनवाई के लिए पोस्ट किया।

शिकायतकर्ता के अनुसार 15 जून को भारती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो ट्वीट पोस्ट करके सांप्रदायिक विद्वेष भड़काया।

याचिका में कहा गया कि रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शाता हो कि भारती ने कोई अपराध किया और शिकायत में इस बात का कोई दावा नहीं है कि उनके ट्वीट ने सांप्रदायिक विद्वेष कैसे पैदा किया।

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