कर्नाटक हाईकोर्ट ने 'Fake News' फैलाने के लिए BJP सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ जांच पर रोक लगाई

Update: 2024-11-15 04:35 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार (14 नवंबर) को अंतरिम राहत के तौर पर BJP सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ दर्ज मामले की जांच पर रोक लगा दी, जिन पर हावेरी जिले में एक किसान की आत्महत्या के बारे में 'फर्जी खबर' फैलाने का आरोप है।

जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने सूर्या द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें FIR रद्द करने की मांग की गई थी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर विचार किया कि पुलिस द्वारा आत्महत्या के संबंध में स्पष्टीकरण जारी करने और मृतक के पिता द्वारा मीडिया को दिए गए इटरव्यू के बाद कथित ट्वीट को हटा दिया गया।

इसने कहा,

"न्यायालय के सुविचारित दृष्टिकोण में यह सब यद्यपि प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत दंडनीय अपराध या सामग्री नहीं बनेगा, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 153ए के समान प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए माना, जिसका आशय जावे हजाम बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य के मामले में आईपीसी की धारा 505 के समान है।

इस प्रकार इसने कहा,

"इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ किसी भी जांच पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया जाना चाहिए। विशेष लोक अभियोजन अंतरिम आदेश दिए जाने का खंडन करेगा। वह आज दिए गए अंतरिम आदेश से भिन्नता की मांग करने के लिए स्वतंत्र है। मामले को 4 दिसंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें।"

सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक ने अंतरिम आदेश दिए जाने का विरोध किया और ट्वीट का हवाला देते हुए तर्क दिया कि क्या इससे भावनाएं आहत होंगी और दुश्मनी को बढ़ावा नहीं मिलेगा? उन्होंने कहा कि इसने प्रथम दृष्टया दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया।

उन्होंने आगे कहा,

"यदि मामला उनके खिलाफ लंबित है तो आसमान नहीं गिरने वाला है। कोई स्थगन आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए।''

हालांकि, पीठ ने मौखिक रूप से कहा था,

''अधिक से अधिक यह सरकार की नीति की आलोचना होगी।''

7 नवंबर को सूर्या ने कन्नड़ समाचार पोर्टल से लेख शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि किसान रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिकाई ने अपनी जमीन पर वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा किए जाने का पता चलने के बाद आत्महत्या कर ली थी।

बाद में यह पता चलने के बाद कि दावे निराधार थे, पोस्ट को हटा दिया गया। हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने स्पष्ट किया कि रुद्रप्पा चन्नप्पा बालिकाई की आत्महत्या 6 जनवरी, 2022 को हुई, लेकिन यह किसी वक्फ बोर्ड भूमि विवाद से संबंधित नहीं थी, बल्कि फसल नुकसान और बकाया ऋण के कारण वित्तीय दबाव के कारण हुई।

इसके बाद पुलिस ने 7 नवंबर को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) के तहत विभिन्न समूहों के बीच घृणा, दुर्भावना या दुश्मनी को बढ़ावा देने के इरादे से बयान प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए स्वत: संज्ञान मामला दर्ज किया।

केस टाइटल: एल एस तेजस्वी सूर्या और कर्नाटक राज्य

Tags:    

Similar News