कर्नाटक हाईकोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर SIT से जवाब मांगा
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जनता दल (एस) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन पर दो मामलों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न का आरोप है।
जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने नोटिस जारी किया और उनके खिलाफ मामलों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
SIT प्रज्वल के खिलाफ दर्ज तीन मामलों की जांच कर रही है। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। SIT ने गुरुवार (30 मई) को तड़के जर्मनी से आने पर बेंगलुरु एयरपोर्ट पर प्रज्वल को गिरफ्तार किया था। उन्हें होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज अपराध संख्या 107/2024 में गिरफ्तार किया गया। अगले दिन अदालत ने उन्हें 6 जून तक हिरासत में भेज दिया।
26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव से पहले वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया जा रहा था। वोट देने के बाद वह भारत से बाहर चले गए।
कर्नाटक राज्य महिला आयोग की प्रमुख द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर राज्य सरकार को कार्रवाई करने की मांग की गई, जिसके बाद सरकार ने एक विशेष जांच दल का गठन किया, जो मामले की जांच कर रहा है।
इससे पहले पुलिस ने उनके पिता और होलेनरसिपुरा के विधायक एच डी रेवन्ना को एक महिला के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। SIT ने जमानत आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जो लंबित है। प्रज्वल की मां भवानी रेवन्ना को हाल ही में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसी अपहरण मामले में अग्रिम जमानत दी थी।
प्रज्वल के भाई सूरज रेवन्ना को भी एक व्यक्ति के कथित यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया। उसे 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
केस टाइटल: प्रज्वल रेवन्ना और कर्नाटक राज्य