लॉ कॉलेजों की संबद्धता की वर्तमान स्टेटस वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं: कर्नाटक हाइकोर्ट का BCI को निर्देश

Update: 2024-05-10 11:48 GMT

कर्नाटक हाइकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट पर यूनिवर्सिटी की संबद्धता, कॉलेज के नाम आदि की वर्तमान स्टेटस के बारे में विवरण उपलब्ध कराए।

जस्टिस सूरज गोविंदराज की एकल पीठ ने कहा,

“बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निम्नलिखित कॉलम जोड़ने का निर्देश दिया जाता है, जिस तारीख को संबद्धता विस्तार के लिए आवेदन किया गया, जिस तारीख को भुगतान किया गया, उसका विवरण बार काउंसिल द्वारा प्रारंभिक संबद्धता पत्र विशेष कॉलेज को जारी किया गया, जिसकी पीडीएफ कॉपी अपलोड की गई। कॉलेज का स्वीकृत प्रवेश और ऐसे अन्य और आगे के विवर,ण जिन्हें बार काउंसिल आज की बदली हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित समझे।”

BMS की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए गए। कॉलेज ऑफ लॉ ने न्यायालय से कहा था कि इसकी स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी और यह कानून में तीन वर्षीय और पांच वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करता है। यह प्रतिवादी नंबर 1/बार काउंसिल ऑफ इंडिया को संबद्धता के नवीनीकरण के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करता रहा है तथा उक्त संबद्धता का समय-समय पर नवीनीकरण किया जाता रहा है।

यह कहा गया कि यद्यपि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2023-2024 के लिए संबद्धता के विस्तार के लिए 15.12.2023 को भुगतान किया, जिसके आधार पर शैक्षणिक वर्ष 2027-2028 के लिए संबद्धता को स्वतः ही विस्तारित करना होगा।

BCI की वेबसाइट पर प्रकाशित 15.05.2023 तक की स्टेटस के अनुसार संबद्धता की स्वीकृति प्राप्त लॉ कालेजों/यूनिवर्सिटी (सीएलई) की सूची में जहां तक ​​याचिकाकर्ता का संबंध है, संबद्धता को 2017-18 तक अस्तित्व में और संचालन में दिखाया गया, जबकि वास्तव में संबद्धता को विस्तारित दिखाया जाना चाहिए था> यह 2026-2027 तक उपलब्ध हो सकती थी। विवरण में सुधार के लिए 13.02.2024 को BCI को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई।

इसके बाद पीठ ने कहा,

“BCI वह प्राधिकरण है, जो लॉ डिग्री के सभी कॉलेजों के संबंध में संबद्धता प्रदान करता है, यदि वर्तमान संबद्धता का विवरण बार काउंसिल की वेबसाइट पर नहीं दर्शाया जाता है तो याचिकाकर्ता को नुकसान होगा। लॉ कॉलेज में प्रवेश लेने वाला कोई भी स्टूडेंट उक्त विवरण की जांच कर सकता है।”

तदनुसार, इसने BCI को याचिकाकर्ता के दिनांक 13.02.2024 के अभ्यावेदन पर विचार करने और इस आदेश की प्रति प्राप्त होने की तिथि से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर वेबसाइट पर प्रकाशित सीएलई की अनुमोदित सूची में आवश्यक परिवर्तन करने का निर्देश दिया।

केस टाइटल- बी.एम.एस कॉलेज ऑफ लॉ और बार काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य 

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