कंपनी डायरेक्टर के कानूनी उत्तराधिकारी कंपनी की संपत्ति पर मुकदमा नहीं कर सकते, केवल शेयरधारक या निदेशक ही कर सकते हैं: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने दोहराया कि एक कंपनी एक अलग कानूनी इकाई होने के नाते केवल उसे ही अपनी संपत्ति के संबंध में मुकदमा करने का अधिकार है। ऐसी कार्रवाई केवल उसके शेयरधारकों या निदेशकों के माध्यम से ही शुरू की जा सकती है, न कि उसके संस्थापक के कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा अपनी व्यक्तिगत क्षमता में।
जस्टिस जावेद इकबाल वानी की पीठ मेसर्स हामिद ऑयल मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक के उत्तराधिकारियों द्वारा दायर याचिका पर विचार कर रही थी, जिन्होंने औद्योगिक परिसर खोनमोह में पट्टे पर दी गई 18 कनाल भूमि पर अधिकार का दावा किया था।
न्यायालय ने कहा कि 04.05.1985 के पट्टा विलेख में स्पष्ट रूप से पट्टेदार को कंपनी के रूप में दर्शाया गया, जिसका प्रतिनिधित्व उसके प्रबंध निदेशक कर रहे हैं, न कि व्यक्तिगत रूप से वादी।
एस.एस. धनोआ बनाम नगर निगम, दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए न्यायालय ने कहा,
"चूंकि यह ज़मीन मेसर्स हामिद ऑयल मिल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दी गई। फ़ैक्टरी/यूनिट भी उसी के नाम पर है, इसलिए वादी किसी भी तरह से मुकदमा करने का अधिकार नहीं रखते।"
परिणामस्वरूप, निचली अदालत का आदेश रद्द कर दिया गया, वाद को वाद के कारण का खुलासा न करने के कारण खारिज कर दिया गया। साथ ही याचिका स्वीकार कर ली गई।
Case-Title: MIR MOUZAM. vs FARHANA DILSHAD AND ORS, 2025