MV Act की धारा 140 के तहत चालक नहीं, वाहन मालिक अंतरिम मुआवज़े का जिम्मेदार : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 140 के तहत नो–फॉल्ट सिद्धांत के आधार पर अंतरिम मुआवज़ा देने की जिम्मेदारी केवल वाहन मालिक की होती है। चालक को मालिक के साथ संयुक्त रूप से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
जस्टिस सुशील कुकेजा ने कहा कि चालक को मुआवज़े की राशि के लिए मालिक के साथ संयुक्त या पृथक रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि कानून साफ तौर पर वाहन के मालिक को ही उत्तरदायी मानता है।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने दावा-कर्ता को अंतरिम मुआवज़ा देने के लिए चालक और मालिक दोनों को संयुक्त रूप से जिम्मेदार माना था। इसी आदेश के खिलाफ दो अलग-अलग अपीलें दायर हुईं। एक चालक द्वारा और दूसरी वाहन मालिक द्वारा। चालक ने दलील दी कि वह वाहन का मालिक नहीं है। अतः उसकी जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती। वहीं मालिक ने कहा कि उसने वाहन का अदला-बदली कर चुका था और वह भी जिम्मेदार नहीं है।
हाईकोर्ट ने धारा 140 का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि मृत्यु या स्थायी विकलांगता किसी वाहन के उपयोग से उत्पन्न दुर्घटना का परिणाम है तो केवल वाहन के मालिक को मुआवज़ा देने के लिए उत्तरदायी ठहराया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रिब्यूनल ने इस प्रावधान का गलत तरीके से विस्तार करते हुए चालक पर भी जिम्मेदारी डाल दी, जबकि कानून ऐसा करने की अनुमति नहीं देता।
कोर्ट ने धारा 2(30) का उल्लेख करते हुए कहा कि वाहन का मालिक वही माना जाता है, जिसके नाम पर वाहन पंजीकृत है। केवल मालिक ही धारा 140 के अनुसार मुआवज़ा देने के लिए बाध्य है।
अंततः हाईकोर्ट ने ट्रिब्यूनल के आदेश में संशोधन करते हुए चालक से मुआवज़ा वसूली की जिम्मेदारी हटाई और स्पष्ट किया कि अंतरिम मुआवज़ा केवल वाहन मालिक द्वारा ही दिया जाएगा।