40% से अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति को आदिवासी/दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक दृष्टिबाधित सरकारी कर्मचारी, जिसकी विकलांगता 40% से अधिक है, उसको दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर करने के आदेश पर रोक लगाई है। (दुर्गम/आदिवासी क्षेत्र उन इलाकों को कहा जाता है जो भौगोलिक रूप से दूरस्थ, कठिन भू-प्राकृतिक स्थितियों वाले और सीमित संसाधनों तक पहुंच वाले होते हैं।)
जस्टिस संदीप शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति उन कर्मचारियों के लिए है, जो 40% या उससे अधिक की विकलांगता रखते हैं ताकि उन्हें समान रोजगार अवसर मिल सकें और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को न्यूनतम किया जा सके।
मामला
याचिकाकर्ता एक सरकारी स्कूल, रामपुर में शास्त्री/शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। बाद में उन्हें सरपारा नामक स्कूल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया, जो एक दुर्गम क्षेत्र के रूप में चिन्हित है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह दृष्टिबाधित हैं। उनका यह ट्रांसफर हिमाचल प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति का उल्लंघन है।
उन्होंने संबंधित सक्षम प्राधिकारी को स्थानांतरण आदेश निरस्त करने के लिए आवेदन दिया, परंतु कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की।
दूसरी ओर, उत्तरदाता पक्ष ने दलील दी कि याचिकाकर्ता पिछले चार वर्षों से एक ही क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्होंने कभी दुर्गम क्षेत्र में सेवा नहीं दी अतः ट्रांसफर आदेश में कोई गैरकानूनी बात नहीं है।
कोर्ट के निष्कर्ष:
कोर्ट ने माना कि यह सच है कि याचिकाकर्ता पिछले 4 वर्षों से एक ही क्षेत्र में कार्यरत हैं लेकिन मुख्य बात यह है कि याचिकाकर्ता दृष्टिबाधित हैं। उन्हें दुर्गम क्षेत्र में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 2(r) के अनुसार 40% या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति को विकलांग की श्रेणी में माना जाता है।
इसी आधार पर कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता इस श्रेणी में आते हैं। उन्हें दुर्गम या आदिवासी क्षेत्र में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकलांग कर्मचारियों को रोजगार में समान अवसर मिले और उनकी कठिनाइयों को कम किया जाए।
नतीजन हाईकोर्ट ने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाई और सक्षम प्राधिकारी को याचिकाकर्ता की प्रस्तुत की गई याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: सुशील बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य एवं अन्य