पेपर सेट करने वाला व्यक्ति ही वेरिफाई करने के लिए सबसे सही व्यक्ति, कोर्ट एग्जाम के मामलों में एक्सपर्ट की राय को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता: हिमाचल हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि किसी सब्जेक्ट एक्सपर्ट की राय को कोर्ट तब तक नहीं बदल सकता, जब तक कि वह रिकॉर्ड के हिसाब से साफ तौर पर गलत न हो।
जस्टिस संदीप शर्मा ने टिप्पणी की,
"एक्सपर्ट द्वारा दी गई राय को कोर्ट तब तक नहीं बदल सकता, जब तक कि वह साफ तौर पर गलत न हो सही होने की जांच करने के लिए सबसे सही व्यक्ति वह है, जिसने पेपर सेट किया।"
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में यह आरोप लगाते हुए संपर्क किया कि जून, 2025 में हुए कांस्टेबल के स्क्रीनिंग टेस्ट में एक सवाल के लिए उसे एक नंबर नहीं दिया गया।
कोर्ट ने देखा कि जब प्रोविजनल आंसर की अपलोड की गई तो 1200 आपत्तियां थीं और कमीशन ने याचिकाकर्ता के सवाल सहित उन सभी को एक सब्जेक्ट एक्सपर्ट के पास भेजा था।
इसके बाद कोर्ट ने नोट किया कि कमीशन ने याचिकाकर्ता की आपत्तियों पर विचार किया और उन्हें एक्सपर्ट के पास भेज दिया।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि कमीशन ने एक्सपर्ट की राय के आधार पर रिजल्ट फाइनल किया। इसमें कोई प्रक्रियात्मक अनियमितता या कानूनी कमी नहीं थी जिसके लिए दखल देने की ज़रूरत हो।