हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 के मानदंडों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा? हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा

Update: 2024-05-17 07:53 GMT

हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने राज्य की जेलों में भयावह स्थितियों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार को हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में उल्लिखित अनिवार्य स्टाफिंग मानदंडों का पालन न करने के बारे में स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया।

यह आदेश कैदियों के कल्याण और स्थितियों से संबंधित एक स्वप्रेरणा जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए आया।

इस मामले की कार्यवाही के दौरान चीफ जस्टिस एम.एस. रामचंद्र राव और जस्टिस ज्योत्सना रीवा दुआ की बेंच ने जेल और सुधार सेवाओं के महानिदेशक की 2 जनवरी, 2024 की स्टेटस रिपोर्ट की समीक्षा की।

रिपोर्ट में मेडिकल कर्मचारियों की कमी का खुलासा किया गया। 14 जेलों में 2808 कैदियों के लिए केवल चार मेडिकल अधिकारी नियुक्त किए गए, जबकि न्यूनतम नौ की आवश्यकता है।

खंडपीठ ने कहा,

“हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल, 2021 (पैरा 4.10.1) के अनुसार प्रत्येक 300 कैदियों के लिए कम से कम एक मेडिकल अधिकारी की आवश्यकता है। बेशक, राज्य में 14 जेलों में 2808 कैदी कार्यरत हैं, लेकिन जेलों में मेडिकल अधिकारियों के केवल 4 पद हैं, जिनके भरे जाने का दावा किया जाता है, लेकिन ऊपर उल्लिखित जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यकता है कि कम से कम 9 मेडिकल अधिकारी होने चाहिए।”

इस विसंगति के लिए स्पष्टीकरण मांगते हुए पीठ ने उप जेल नालागढ़ (किशनपुरा) की गैर-संचालन स्थिति के पीछे के कारणों और जेल वार्डरों की भर्ती की प्रगति का विवरण देने वाली स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है।

इसके अलावा अदालत ने उप जेल नालागढ़ को पूरी तरह कार्यात्मक बनाने के लिए आवश्यक कार्यों को पूरा करने की समयसीमा पर भी स्पष्टता मांगी है।

इस मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई, 2024 को निर्धारित की गई।

केस टाइटल- न्यायालय अपने स्वयं के प्रस्ताव बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य और अन्य संबंधित मामलों के लिए

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