वक्फ बोर्ड मामला: AAP MLA अमानतुल्ला खान के खिलाफ ED के समन पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट का इनकार

Update: 2024-02-01 06:56 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ जारी समन पर रोक लगाने से इनकार किया।

जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB), दिल्ली द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के साथ-साथ मामले में समन और जांच को चुनौती देने वाली खान की याचिका पर नोटिस जारी करने से भी इनकार किया।

चूंकि AAP MLA की ओर से पेश वकील उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उनके अनुरोध पर मामले को 7 फरवरी तक के लिए स्थगित किया गया।

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने याचिका में न तो नोटिस जारी किया और न ही खान के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश दिया।

अदालत ने कहा,

“याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील के अनुरोध पर मामला स्थगित करते हुए यह स्पष्ट किया जाता है कि न तो अदालत ने याचिका में नोटिस जारी किया और न ही कोई अंतरिम आदेश दिया।”

खान की याचिका में पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के अधिकार को भी चुनौती दी गई। साथ ही विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के "अनुरूप और अनुरूप" को पढ़ा गया।

उनका मामला यह है कि इस बात की पूरी आशंका है कि पीएमएलए के प्रावधानों की जानबूझकर गलत व्याख्या के आधार पर ED के पास निहित शक्ति और अधिकार को दुरुपयोग के साधन के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।

याचिका में कहा गया,

"प्रावधानों का इस्तेमाल इस देश के लोकतांत्रिक और संघीय ढांचे के मूल ढांचे को प्रताड़ित करने और ध्वस्त करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि याचिकाकर्ता को निरर्थक और आधारहीन कार्यवाही में फंसाया जा रहा है।"

मामले में आरोप लगाया गया कि अमानतुल्ला खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए मानदंडों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए अवैध रूप से विभिन्न लोगों की भर्ती की।

ED ने आरोप लगाया कि खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती से नकद में अपराध की बड़ी रकम अर्जित की और उसे अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदने के लिए निवेश किया।

ED ने अमानतुल्ला खान के तीन कथित सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित पांच संस्थाओं के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिन्हें केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था।

केस टाइटल: अमानतुल्ला खान बनाम भारत संघ और अन्य

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