पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं: एमएस धोनी ने दिल्ली हाइकोर्ट में कहा

Update: 2024-01-29 12:49 GMT

दिल्ली हाइकोर्ट में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है।

दिवाकर और उनकी पत्नी ने एक याचिका डाली। याचिका में कहा गया कि क्रिकेटर धोनी द्वारा आपत्तिजनक और दुर्भावनापूर्ण बयान न प्रकाशित न किया जाए। बयान में कहा गया कि दिवाकर और उनकी पत्नी ने मिलकर उनसे 15 करोड़ रुपये प्राप्त किए है।

यह याचिका मेटा, एक्स (पूर्व में ट्विटर), गूगल, यूट्यूब और 30 मीडिया हाउस और वेब पोर्टल के खिलाफ दायर किया गया।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह के समक्ष पेश हुए धोनी के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मुकदमा चलने योग्य नहीं है और क्रिकेटर ने केवल दिवाकर के खिलाफ रांची में मामला दायर किया गया।

वकील ने कहा,

“याचिका मेरे खिलाफ सुनवाई योग्य नहीं है। मैंने रांची में मामला दायर किया।”

दिवाकर की ओर से पेश वकील ने कहा कि मीडिया रिपोर्टें निष्पक्ष नहीं थीं, क्योंकि उनके मुवक्किल को पहले ही ठग और चोर करार दिया जा चुका है।

एएनआई के वकील सिद्धांत कुमार ने फैसले पर भरोसा करते हुए तर्क दिया कि जब तक वादी में प्रत्येक प्रतिवादी के खिलाफ विशिष्ट आरोप नहीं लगाए जाते, तब तक वह कायम नहीं रह पाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र को भी चुनौती दी जा रही है।

इसके बाद अदालत ने दिवाकर के वकील से प्रतिवादियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए कदम उठाने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को तय की।

दिवाकर का दावा कि धोनी द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बिना किसी आधार के बेबुनियाद, झूठे, आधारहीन, प्रतिशोधपूर्ण, दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं। वे 06 जनवरी को धोनी के वकील द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी व्यथित हैं, जहां उक्त आरोप मीडिया के सामने पेश किए गए। याचिका में कहा गया कि ऐसा उन्हें अपूरणीय और गंभीर चोट पहुंचाने के इरादे से किया गया।

दिवाकर के खिलाफ धोनी ने आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई है जो रांची की एक अदालत में लंबित है।

वर्ष 2017 में क्रिकेट अकादमियों और खेल परिसरों की सीरीज स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन के अनुसरण में एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी के लिए दिवाकर की कंपनी, अरका स्पोर्ट्स मैनेजमेंट अथॉरिटी प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में प्राधिकरण पत्र जारी किया गया।

याचिका के अनुसार अगस्त, 2021 में उक्त पत्र को एक अज्ञात तीसरे पक्ष द्वारा ईमेल के माध्यम से रद्द कर दिया गया।

याचिका में आगे कहा गया कि आज तक दिवाकर को कैंसिलेशन का कोई आधिकारिक पत्र प्राप्त नहीं हुआ। इस प्रकार ईमेल को कानूनीरूप से वैध कैंसिलेशन नहीं समझा जा सकता।

केस टाइटल- मिहिर दिवाकर और अन्य बनाम महेंद्र सिंह धोनी और अन्य।

Tags:    

Similar News