हत्या के आरोपी द्वारा कथित तौर पर पंजाब जेल से सोशल मीडिया पर प्रसारित सेल्फी पर हाईकोर्ट ने डीजीपी से मांगा जवाब
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब के डीजीपी (जेल) को हत्या के आरोपी द्वारा कथित तौर पर जेल के अंदर ली गई सेल्फी पर विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जो सोशल मीडिया पर प्रसारित की गई।
यह मामला हत्या के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रकाश में आया, जो वर्तमान में सेंट्रल जेल, पटियाला में बंद है।
जस्टिस मंजरी नेहरू कौल ने कहा,
"शिकायतकर्ता के वकील ने जेल के अंदर, जहां वह बंद है, याचिकाकर्ता की खुद से खींची गई तस्वीरें रिकॉर्ड में रखीं। वकील का कहना है कि याचिकाकर्ता केंद्रीय जेल, पटियाला में बंद है। खुलेआम और बेशर्मी से उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं।''
कोर्ट ने आगे कहा कि वकील ने अदालत का ध्यान उन तस्वीरों में से एक की ओर आकर्षित किया, जिसमें याचिकाकर्ता को अन्य विचाराधीन कैदियों के साथ "कई मोबाइल हैंडसेट के साथ देखा जा सकता है।"
पंजाब की जेलों की स्थिति पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने कहा,
"अगर शिकायतकर्ता के वकील द्वारा दी गई दलीलों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह पंजाब राज्य की जेलों के अंदर व्याप्त खराब स्थिति को दर्शाता है।"
मामले को आगे विचार के लिए 04 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया।
उल्लेखनीय है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कैदियों द्वारा जेल परिसर के अंदर फोन के उपयोग के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया और जानना चाहा कि "ऐसी प्रतिबंधित वस्तुओं के प्रवेश को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।"
न्यायालय ने इसमें शामिल अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए कथित गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के टीवी इंटरव्यू की जांच करने के लिए पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग के विशेष डीजीपी प्रबोध कुमार आईपीएस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का भी गठन किया।
अपीयरेंस: सौरव भाटिया, शिकायतकर्ता के वकील।
याचिकाकर्ता के वकील जी.एस.सिद्धू और दिग्विजय नागपाल। प्रतिवादी/राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल, पंजाब।
केस टाइटल: जगतेज सिंह बनाम पंजाब राज्य