अर्जुन अवार्ड के लिए मेरे नाम पर विचार किया जाए: वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन नीतू घनघस की याचिका पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियन-नीतू घनघास द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया। उक्त याचिका में प्रतिवादी-अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई कि खेल और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड (2023) के लिए उनके नाम पर विचार किया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए।
बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल, 2022 के साथ-साथ नई दिल्ली में आयोजित आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप/विश्व कप, 2023 में स्वर्ण पदक विजेता, नीतू हरियाणा के भिवानी जिले से हैं। भिवानी बॉक्सिंग क्लब के संस्थापक और बॉक्सर विजेंदर सिंह के पूर्व गुरु कोच जगदीश सिंह ने सबसे पहले उनकी प्रतिभा को पहचाना।
सीनियर वर्ग में नीतू को पहली सफलता तब मिली जब उन्होंने सोफिया, बुल्गारिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट, 2022 में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।
23 साल की उम्र में विश्व चैंपियन बनने वाली वह छठी भारतीय मुक्केबाज (पुरुष या महिला) हैं। अपनी याचिका के माध्यम से उन्होंने दावा किया कि अर्जुन अवार्ड विजेता सूची में उनका नाम शामिल न किया जाना अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
अदालत के समक्ष नीतू की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट मोहित माथुर हैं, जिन्होंने कहा है कि अर्जुन अवार्ड विजेता सूची में नीतू का नाम शामिल न करने के संबंध में पहले ही एक अभ्यावेदन दिया जा चुका है।
जवाब में सीजीएससी अनिल सोनी ने कहा है कि प्रस्तुत किए गए अभ्यावेदन पर विचार किया जाएगा।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इस पर जवाब मांगते हुए मामले को 1 जनवरी, 2024 के लिए सूचीबद्ध किया।
केस टाइटल: नीटू बनाम भारतीय खेल प्राधिकरण एवं अन्य, डब्ल्यू.पी.(सी) 16762/2023
ऑर्डर पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें