गुजरात हाईकोर्ट में हुआ 'मिट्टी कैफे' का उद्घाटन, चीफ जस्टिस ने समावेशिता और सशक्तिकरण के लिए संस्थागत प्रतिबद्धता पर जोर दिया
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने सोमवार (25 नवंबर) को हाईकोर्ट परिसर में मिट्टी कैफे का उद्घाटन किया।
मिट्टी कैफे अनूठी परियोजना है, जिसका उद्देश्य शारीरिक या बौद्धिक अक्षमताओं वाले व्यक्तियों को सशक्त बनाकर समावेशिता को बढ़ावा देना है। यह पूरी तरह से दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा संचालित है, जो कैफे के प्रबंधन में विशेष प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
यह मिट्टी कैफे पहल के लिए एक और मील का पत्थर है, जिसे पिछले साल 10 नवंबर को भारत के तत्कालीन चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा सुप्रीम कोर्ट परिसर में भी पेश किया गया।
हाईकोर्ट परिसर में उद्घाटन के दौरान चीफ जस्टिस अग्रवाल ने समावेशिता के लिए संस्थागत प्रतिबद्धता पर जोर दिया। पहल के शुरुआती चरणों के दौरान कर्मचारियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की। इस परियोजना को भारतीय स्टेट बैंक और डालमिया चैरिटेबल ट्रस्ट से कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहल के हिस्से के रूप में वित्तीय सहायता भी मिली है।
इस परियोजना को कपिला और निर्मल हिंगोरानी फाउंडेशन और फिक्की FLO से भी सहायता प्रदान की गई। उद्घाटन समारोह में हाईकोर्ट के सभी जज, एडवोकेट जनरल, वकील और अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने इस पहल और उत्साही कर्मचारियों की सराहना की क्योंकि वे अपने पेशेवर सफर की शुरुआत कर रहे थे।