रिटायरमेंट के बाद सेवा विस्तार संभव नहीं, परंतु पदोन्नति के आधार पर सीमित वित्तीय लाभ मिलेंगे: गुवाहाटी हाईकोर्ट
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया कि रिटायरमेंट के बाद पदोन्नति के आधार पर सेवा अवधि बढ़ाना कानून के अनुरूप नहीं है। ऐसी किसी भी सिफारिश को कर्मचारी के रिटायरमेंट हो जाने के बाद प्रभावी नहीं किया जा सकता। हालांकि, न्यायालय ने यह भी कहा कि कैरियर उन्नयन योजना के तहत की गई पदोन्नति को केवल पेंशन रूप से मान्य कर वित्तीय लाभ दिए जा सकते हैं। भले ही कर्मचारी वास्तविक रूप से उच्च पद पर कार्यभार ग्रहण न कर पाया हो।
चीफ जस्टिस अशुतोष कुमार और जस्टिस अरुण देव चौधरी की खंडपीठ ने यह फैसला डॉ. सत्यजीत पॉल की याचिका पर सुनाया। याचिकाकर्ता को कैरियर उन्नयन योजना के तहत 2018 से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति दी गई। विभागीय पदोन्नति समिति ने उनका नाम रिटायरमेंट से एक दिन पहले अनुमोदित किया परंतु औपचारिक अधिसूचना उनके 2022 में रिटायर होने के बाद जारी हुई। बाद में राज्य सरकार ने वह कार्यालय ज्ञापन वापस ले लिया जिसके आधार पर पदोन्नति दी गई।
न्यायालय ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद पदोन्नति को वास्तविक प्रभाव नहीं दिया जा सकता और सेवा विस्तार का कोई अधिकार उत्पन्न नहीं होता। अदालत ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता 31 मार्च 2022 को सेवा से मुक्त हो चुके थे, इसलिए वे प्रोफेसर पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते थे।
अदालत ने यह मानते हुए राहत दी कि कैरियर उन्नयन योजना के अंतर्गत दी गई पदोन्नति के लिए किसी रिक्त पद की आवश्यकता नहीं होती और इसे केवल वित्तीय प्रभाव तक सीमित रखा जा सकता है। खंडपीठ ने कहा कि डॉ. पॉल को 17 मई 2018 से 31 मार्च 2022 तक प्रोफेसर पद के वित्तीय लाभ मिलेंगे परंतु चूंकि पदोन्नति संबंधी आदेश बाद में वापस ले लिया गया। इसलिए उन्हें सेवा से एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में ही रिटायर माना जाएगा और उनकी पेंशन उसी आधार पर तय होगी।
अदालत ने एकल-जज के आदेश में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया कि याची को केवल निर्दिष्ट अवधि तक उच्च पद के वित्तीय लाभ मिलेंगे लेकिन सेवा विस्तार या रिटायरमेंट की स्थिति में किसी भी प्रकार का परिवर्तन मान्य नहीं होगा।
इस निर्णय के साथ हाईकोर्ट ने दोहराया कि रिटायरमेंट के बाद की गई पदोन्नति किसी भी स्थिति में सेवा विस्तार का आधार नहीं बन सकती, जबकि ऐसी पदोन्नति से जुड़े वित्तीय लाभों को सीमित अवधि के लिए ही प्रदान किया जा सकता है।