Unnao Rape मामले में मुख्य आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को मेडिकल आधार पर मिली अंतरिम जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मीडिया आधार पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी, जिसे उन्नाव बलात्कार मामले में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि सेंगर की मेजिकल संबंधी बीमारियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्हें एम्स में भर्ती होने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड द्वारा सेंगर की मेडिकल जांच का आदेश दिया और एम्स को इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इस याचिका का पीड़िता के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी विरोध किया।
न्यायालय ने पीड़िता से संपर्क करने का कोई प्रयास न करने और संबंधित जांच अधिकारी से प्रतिदिन संपर्क में रहने का निर्देश दिया।
पीड़िता के साथ 2017 में सेंगर और उसके साथियों ने बार-बार सामूहिक बलात्कार किया था, जब वह नाबालिग थी।
सेंगर को उसके साथ बलात्कार करने और उन्नाव जिले के माखी गांव के पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से उसके पिता की हत्या करने का दोषी ठहराया गया। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
पीड़िता द्वारा दायर स्थानांतरण याचिका पर वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई तीस हजारी कोर्ट में स्थानांतरित कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार पीड़िता द्वारा तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लिखे गए पत्र का संज्ञान लेते हुए घटना के संबंध में दर्ज सभी पांच मामलों को उत्तर प्रदेश की लखनऊ अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिया, जिसमें निर्देश दिया गया कि प्रतिदिन सुनवाई की जाए और 45 दिनों के भीतर सुनवाई पूरी की जाए।
केस टाइटल: कुलदीप सिंह सेंगर बनाम सीबीआई