Delhi Riots: भाषणों में हिंसा का आह्वान नहीं, सह-षड्यंत्रकारियों से कोई संबंध नहीं: शरजील इमाम ने हाईकोर्ट से कहा

Update: 2024-12-13 04:23 GMT

दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश के मामले में आरोपी शरजील इमाम ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि उनके सार्वजनिक भाषणों में हिंसा का आह्वान नहीं था।

इमाम के वकील ने जस्टिस नवीन चावला और जस्टिस शालिंदर कौर की खंडपीठ को बताया कि भाषणों में अहिंसा का “बार-बार आह्वान” किया गया था।

वकील ने कहा,

“मेरे किसी भी भाषण में हिंसा का आह्वान नहीं किया गया। अहिंसा का बार-बार आह्वान किया गया।”

उन्होंने कहा कि इमाम और किसी भी कथित सह-षड्यंत्रकारी के बीच कोई चैट या कॉल नहीं हुई।

वकील ने कहा,

“मामले में किसी भी सह-षड्यंत्रकारी के साथ कोई चैट या कॉल नहीं हुई। फिर भी वे मुझे फंसाने के लिए मेरी चैट पर भरोसा करते हैं। मेरी चैट में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे दूर-दूर तक यह पता चले कि मेरा इरादा किसी भी तरह की हिंसा भड़काने का था।”

उन्होंने यह भी कहा कि इमाम एकमात्र व्यक्ति है, जिसका किसी से कोई संबंध नहीं है।

खंडपीठ UAPA मामले में जमानत मांगने वाली इमाम की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन्होंने मामले में राहत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी।

इमाम के वकील ने अदालत को बताया कि वह पांच साल से जेल में है। उसके खिलाफ मामलों में कानून के साथ उसका कोई लेना-देना नहीं है।

यह भी प्रस्तुत किया गया कि इमाम अपने सार्वजनिक भाषणों को लेकर अपने खिलाफ दर्ज चार अन्य मामलों में जमानत पर बाहर है।

वकील ने कहा,

“स्वतंत्रता से पहले और बाद में देश में विरोध के प्रभावी तरीके के रूप में चक्का जाम का समृद्ध इतिहास रहा है। किसी भी हिंसा का कोई संदर्भ नहीं था।"

अब मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

खंडपीठ उमर खालिद, शरजील इमाम, मोहम्मद सलीम खान, शिफा उर रहमान, शादाब अहमद, अतहर खान, खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

आरोपी इशरत जहां को दी गई जमानत के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील भी बैच में सूचीबद्ध है।

नई खंडपीठ को जमानत अपील आवंटित की गई, क्योंकि पिछली पीठों ने या तो उनकी सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था या वे मामलों की पूरी तरह से सुनवाई और फैसला नहीं कर सकी थीं।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा भारतीय दंड संहिता, 1860 और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA Act) के तहत विभिन्न अपराधों के तहत FIR 59/2020 दर्ज की गई।

मामले में आरोपी ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा हैं। शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मो. सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल।

केस टाइटल: शरजील इमाम बनाम राज्य

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