एयर क्वालिटी के उपायों के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएं, हमारे पास पहले से ही बहुत-से पेंडिंग मामले: दिल्ली हाईकोर्ट

Update: 2025-12-03 12:34 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को याचिकाकर्ता को सलाह दी कि वह राष्ट्रीय राजधानी में एयर पॉल्यूशन लेवल और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को कंट्रोल करने और कम करने के लिए तुरंत उपाय करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाए।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में एयर क्वालिटी से जुड़े मुद्दे पर नज़र रख रहा है और कई आदेश भी दिए हैं।

कोर्ट ग्रेटर कैलाश-II वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से अपने जनरल सेक्रेटरी संजय राणा और एडवोकेट उदियन शर्मा के ज़रिए दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा,

"इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और दिल्ली और उसके आसपास के हालात पर यहां नज़र रखी जा रही है। हमें बताएं, हम इस पर क्यों विचार करें?"

बेंच ने कहा कि हालांकि वह यह नहीं कह रहा है कि रिट याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता, लेकिन याचिकाकर्ता को सलाह दी जा रही है कि वह अलग-अलग कार्रवाई से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार बनने की मांग करे। दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसल ने कोर्ट को बताया कि पिटीशन में उठाई गई चिंताओं और मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट का ध्यान है और 19 नवंबर को ही दिल्ली की एयर क्वालिटी के बारे में ऑर्डर पास किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि अगर पिटीशन पर विचार किया जाता है तो यह एक ही मुद्दे पर कई कार्रवाई हो सकती है, जो शायद सही न हो। याचिकाकर्ता के वकील ने याचिका में उठाए गए मुद्दों और सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग मुद्दों में फर्क करने की कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर को देखते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दे पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, जो दिल्ली में एयर क्वालिटी के खराब होने से जुड़े हैं।

कोर्ट ने कहा,

"हमारा पहली नज़र में मानना ​​है कि इस रिट याचिका पर कार्रवाई शुरू करने के बजाय याचिकाकर्ता एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट में दखल दे सकती है।"

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में दखल देंगे या इस बारे में सफाई मांगेंगे कि क्या हाईकोर्ट याचिका पर आगे बढ़ सकता है। इसलिए कोर्ट ने मामले को 7 जनवरी, 2026 तक के लिए टाल दिया।

Title: Greater Kailash-II Welfare Association Through its General Secretary: Mr. Sanjay Rana v. Government of NCT of Delhi & Ors

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