उल्लंघन की कोई मंशा नहीं: वेबसाइट और मेटा टैग में टाइटन के ट्रेडमार्क उपयोग पर लेंसकार्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया 'गलती'

Update: 2025-06-26 05:50 GMT

भारतीय मल्टीनेशनल आईवियर कंपनी लेंसकार्ट ने हाल ही में स्वीकार किया कि टाटा समूह की स्वामित्व वाली आईवियर ब्रांड टाइटन के ट्रेडमार्क का उसकी वेबसाइट और मेटा टैग्स में उपयोग 'अनजाने में हुई गलती' थी।

टाइटन कंपनी लिमिटेड ने पियूष बंसल की कंपनी लेंसकार्ट के खिलाफ ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि Titan, Titan Eye+ और Fastrack जैसे रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क्स का उपयोग लेंसकार्ट की वेबसाइट और उसके सोर्स कोड के मेटा टैग्स में किया गया।

संदर्भ के लिए मेटा टैग्स HTML का हिस्सा होते हैं, जो किसी वेबपेज की जानकारी (metadata) प्रदान करते हैं।

लेंसकार्ट की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में अग्रिम सूचना के आधार पर यह स्वीकार किया कि टाइटन के ट्रेडमार्क्स उनकी वेबसाइट और मेटा टैग्स में दिखाई दिए। इसे एक त्रुटिवश हुई गलती बताया।

वकील ने यह भी कहा कि लेंसकार्ट की कोई मंशा नहीं थी कि वह टाइटन के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करे। उन्होंने पहले ही सभी उल्लंघन संबंधी संदर्भों को हटाने के लिए सुधारात्मक कदम उठा लिए हैं।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि भविष्य में टाइटन किसी और उल्लंघन की ओर संकेत करता है तो लेंसकार्ट वह भी तुरंत हटा देगा।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मामला निपटा दिया और आदेश दिया,

“प्रतिवादियों को उनके उपरोक्त बयान से बाध्य करते हुए, वाद का निस्तारण किया जाता है।”

केस टाइटल: Titan Company Limited बनाम Lenskart Solutions Private Limited एवं अन्य

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