900 ग्राम हेरोइन निगलकर भारत लाने वाले अफगान नागरिक की ज़मानत याचिका खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने अफगान नागरिक नक़ीबुल्लाह रोडाई को ज़मानत देने से इनकार किया, जिसे जनवरी, 2021 में गिरफ्तार किया गया था। आरोपी पर आरोप है कि उसने अपने पेट में 113 कैप्सूल निगलकर लगभग 905 ग्राम हेरोइन भारत में तस्करी के लिए छुपाई।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि आरोपी को कई दिन अस्पताल में निगरानी में रखा गया, जिसके दौरान उसके पेट से सभी कैप्सूल निकाले गए। अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसे हालात में यह मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि आरोपी निर्दोष है।
अभियुक्त ने लंबे समय से न्यायिक हिरासत में रहने का हवाला देते हुए ज़मानत मांगी थी। उसने यह भी दलील दी कि NDPS Act की धारा 50 और Custom Act की धारा 103 के तहत आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि ये पहलू मुकदमे के दौरान तय होंगे और अभी उपलब्ध साक्ष्यों से यह साबित होता है कि बरामदगी उसकी “सचेत कब्ज़े” से हुई थी।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी ज़मानत के लिए NDPS Act की धारा 37 में निर्धारित दोहरे मापदंडों को पूरा नहीं करता। न तो यह कहा जा सकता है कि वह अपराध का दोषी नहीं है और न ही यह भरोसा किया जा सकता है कि ज़मानत पर रिहा होने पर वह दोबारा अपराध नहीं करेगा।
न्यायालय ने यह भी रेखांकित किया कि मादक पदार्थों की तस्करी समाज के लिए गंभीर ख़तरा है। ऐसे अपराधियों को दोबारा अवैध गतिविधियों में शामिल होने से रोकना ही क़ानून का उद्देश्य है।
इस आधार पर अदालत ने नक़ीबुल्लाह रोडाई की ज़मानत याचिका खारिज की।