दिल्ली हाईकोर्ट ने Spas में Cross Gender Massages पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2024-04-04 05:24 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने वह जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में स्पा (Spas) या मसाज केंद्रों में Cross Gender Massages पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।

एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश पहले से ही उक्त मामले पर सुनवाई कर रहे हैं। इसलिए जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।

खंडपीठ ने अनुज मल्होत्रा द्वारा दायर जनहित याचिका खारिज कर दी, जिसमें दिल्ली सरकार को स्पा या मसाज केंद्रों की रिकॉर्डिंग नियमित आधार पर दिल्ली महिला आयोग के साथ साझा करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

मल्होत्रा के वकील ने प्रस्तुत किया कि राष्ट्रीय राजधानी में विभिन्न स्पा और मसाज केंद्रों में क्रॉस-लिंग मालिश की जा रही है, जो 2021 में दिल्ली सरकार द्वारा जारी "दिल्ली में स्पा/मसाज केंद्रों के संचालन के लिए दिशानिर्देश" का उल्लंघन है।

वकील ने कहा कि दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए बंद कमरों में इस तरह की मसाज दी जा रही है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि Cross Gender Massages के कारण अवैध वेश्यावृत्ति का संचालन और प्रसार हुआ।

खंडपीठ ने कहा कि उक्त दिशानिर्देशों की वैधता को चुनौती एकल न्यायाधीश के समक्ष विचाराधीन है।

अदालत ने कहा,

“चूंकि एकल न्यायाधीश पहले से ही विवाद से परिचित हैं, इसलिए इस न्यायालय का मानना है कि वर्तमान सार्वजनिक हित पर विचार नहीं किया जा सकता। तदनुसार, वर्तमान याचिका खारिज की जाती है।”

केस टाइटल: अनुज मल्होत्रा बनाम दिल्ली सरकार और अन्य।

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