"Mankind Pharma की पहचान पर कब्जे की कोशिश": दिल्ली हाईकोर्ट ने 'Kindpan' ट्रेडमार्क हटाने का आदेश दिया

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Update: 2025-04-03 13:10 GMT
"Mankind Pharma की पहचान पर कब्जे की कोशिश": दिल्ली हाईकोर्ट ने Kindpan ट्रेडमार्क हटाने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने 'Kindpan' ट्रेडमार्क को हटाने का निर्देश दिया है। यह आदेश Mankind Pharma Limited द्वारा दायर याचिका पर दिया गया, जिसमें एक स्वामित्व फर्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी, जिसे औषधीय और फार्मास्युटिकल उत्पादों की श्रेणी में इस चिह्न का पंजीकरण प्राप्त हुआ था।

Mankind Pharma Limited (याचिकाकर्ता) ने दावा किया कि वह 'Mankind' और 'Kind' ट्रेडमार्क की मालिक है। याचिका में कहा गया कि M/s Sanavita Medicare नामक फर्म को अगस्त 2014 में औषधीय और फार्मास्युटिकल उत्पादों के लिए 'KIND' ट्रेडमार्क का पंजीकरण मिला था, जबकि Mankind Pharma ने पहले ही जनवरी 2013 में 'Kind' मार्क का पंजीकरण करा लिया था।

Mankind Pharma ने तर्क दिया कि प्रतिवादी द्वारा इस विवादित चिह्न को अपनाना उसकी प्रतिष्ठा और सद्भावना से अनुचित लाभ उठाने का एक प्रयास था।

जस्टीस सौरभ बनर्जी ने उल्लेख किया कि Mankind Pharma 'Mankind' और 'Kind' परिवार के ट्रेडमार्क का मालिक और पहले से उपयोगकर्ता है। अदालत ने टिप्पणी की, "आज याचिकाकर्ता ने 'MANKIND' और 'KIND' परिवार के चिह्नों में इतनी प्रतिष्ठा और सद्भावना विकसित कर ली है कि उन्हें केवल याचिकाकर्ता के साथ जोड़ा और पहचाना जाता है, विशेष रूप से जब वे औषधीय, फार्मास्युटिकल और पशु चिकित्सा उत्पादों (क्लास 5) से संबंधित हैं।"

अदालत ने नोट किया कि प्रतिवादी ने विवादित चिह्न का पंजीकरण 'प्रस्तावित उपयोग' के आधार पर कराया था। अदालत ने कहा कि पहले इस चिह्न को अपनाने और फिर इसके लिए पंजीकरण का आवेदन करने का प्रतिवादी के पास कोई ठोस कारण नहीं था।

अदालत ने टिप्पणी की कि ऐसा करने का उद्देश्य Mankind Pharma की स्थापित सद्भावना और प्रतिष्ठा पर अतिक्रमण करना था। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने माना कि विवादित चिह्न को पंजीकरण से हटाया जाना आवश्यक है।

इसलिए, अदालत ने ट्रेड मार्क रजिस्ट्र्री को विवादित ट्रेडमार्क को हटाने का निर्देश दिया।


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