राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को रद्द हुए क्रिकेट मैच के लिए 2.35 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया
राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को सेवा में कमी के लिए उत्तरदायी ठहराया है और आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन को ₹2,35,81,470 का भुगतान करने का निर्देश दिया है। बीमा कंपनी ने चक्रवात 'हुदहुद' के कारण 14.10.2014 को निर्धारित 'एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय' क्रिकेट मैच रद्द होने पर संबंधित बीमा दावा गलत तरीके से अस्वीकार कर दिया था।
आयोग ने कहा कि क्रिकेट मैच को रद्द करने का जोखिम बीमा पॉलिसी के तहत बहुत अच्छी तरह से कवर किया गया था, भले ही चक्रवात बीमा अवधि की आधिकारिक शुरुआत से ठीक पहले हुआ हो। चक्रवात मैच के रद्द होने का स्पष्ट और सीधा कारण था, जिससे यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस बीमा दावे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो गया।
पूरा मामला:
आंध्र क्रिकेट संघ ने विशाखापत्तनम में 14102014 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच होने वाला एकदिवसीय क्रिकेट मैच रद्द होने की स्थिति में किसी भी नुकसान को पूरा करने के लिए यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से बीमा पॉलिसी ली थी। पॉलिसी ने मैच के दिन यानी 14 अक्टूबर 2014 का बीमा किया। लेकिन, दिनांक 12102014 को विशाखापट्टनम में चक्रवात आया। इस चक्रवात से हुई भारी क्षति के कारण बीसीसीआई ने 13 अक्तूबर को 14102014 को निर्धारित मैच रद्द कर दिया। इसके बाद क्रिकेट संघ ने कंपनी से बीमा राशि का दावा किया, क्योंकि रद्द करना तूफान और बारिश के कारण था, जो पॉलिसी के तहत कवर किया गया था।
इंश्योरेंस कंपनी के तर्क:
कंपनी ने तर्क दिया कि बीमा पॉलिसी केवल 24 घंटे के लिए वैध थी, जो 14 अक्टूबर की मध्यरात्रि से शुरू होकर 15 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक थी। उन्होंने तर्क दिया कि चक्रवात 12 अक्टूबर को हुआ था, और मैच 13 अक्टूबर को रद्द कर दिया गया था, जब पॉलिसी अवधि भी शुरू नहीं हुई थी। उनके अनुसार, दावे के वैध होने के लिए चक्रवात पॉलिसी अवधि के दौरान होना चाहिए, न कि इससे पहले।
कोर्ट का निर्णय:
एनसीडीआरसी ने माना कि चक्रवात स्पष्ट रूप से बीमा पॉलिसी के तहत एक कवर जोखिम था और बीमाकर्ता का यह दावा खारिज कर दिया कि चक्रवात पॉलिसी अवधि से पहले आया था। पीठ ने कहा कि बीमा अनुबंधों की इतनी संकीर्ण व्याख्या नहीं की जा सकती, क्योंकि ऐसा करने से इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा — यानी ऐसे खतरों से होने वाले नुकसान की भरपाई करना।
कॉन्ट्रा प्रोफेरेंटेम के सिद्धांत को लागू करते हुए आयोग ने कहा कि बीमा दावा अस्वीकार करना अनुचित था और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सेवाओं में कमी की दोषी थी। परिणामस्वरूप, आयोग ने बीमा कंपनी को आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन को ₹2,35,81,470 राशि शिकायत दर्ज होने की तारीख से 6% ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया।