जिला आयोग, पूर्वी दिल्ली ने मैक्स फैशन को ग्राहक को बिना सूचित किए कैरी बैग के लिए पैसे लेने के लिए जिम्मेदार ठहराया

Update: 2023-12-20 12:37 GMT

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पूर्वी दिल्ली के अध्यक्ष सुखवीर सिंह मल्होत्रा, रवि कुमार (सदस्य) और सुश्री रश्मि बंसल (सदस्य) की खंडपीठ ने मैक्स फैशन को खरीदार को बिना सूचित किये एक कैरी बैग के लिए 7 रुपये लेने के लिए उत्तरदायी ठहराया। जिला आयोग ने कहा कि भुगतान के समय इस तरह के शुल्क लगाने से न केवल खरीदारों को असुविधा और उत्पीड़न होता है, बल्कि एक विशिष्ट आउटलेट के संरक्षण के बारे में सूचित निर्णय लेने के उनके उपभोक्ता अधिकार में भी बाधा आती है।

पूरा मामला:

अनमोल मल्होत्रा (शिकायतकर्ता) ने मैक्स फैशन स्टोर से 706 रुपये के कुछ सामान खरीदे। जब शिकायतकर्ता ने बिल देखा, तो उसने देखा कि उससे पेपर कैरी बैग के लिए 7 रुपये लिए गए थे। शिकायतकर्ता ने दलील दी कि यह शुल्क उन पर बिना किसी पूर्व सूचना के लगाया गया। उन्हें न तो स्टोर के अंदर और न ही स्टोर के बाहर किसी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पूर्वी दिल्ली, दिल्ली में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।

मैक्स फैशन के पक्ष से तर्क दिया गया कि पेपर कैरी बैग के लिए शुल्क लगाने लिए वे बाध्य हैं क्योंकि प्लास्टिक बैग पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया  है। वे विकल्प के रूप में महंगे पेपर बैग खरीदते हैं यह स्वैच्छिक भुगतान के आधार पर ग्राहकों को दिया जाता है। यह भी तर्क दिया गया कि मुफ्त में कैरी बैग प्रदान करने के लिए कोई कानूनी बाध्यता नहीं थी, और शिकायतकर्ता सहित ग्राहकों ने स्वेच्छा से पेपर बैग के लिए 7 रुपये का भुगतान करने की सहमति दी थी। इसमें आगे कहा गया है कि उनके स्टोर के भीतर संचार स्पष्ट रूप से ग्राहकों को सूचित करता है कि वे अपने कैरी बैग लाने के लिए स्वतंत्र हैं यदि वे इसे नहीं खरीदना चाहते हैं।

आयोग की टिप्पणियां:

मैक्स फैशन द्वारा दिए गए तर्क का उल्लेख करते हुए, जिला आयोग ने बिग बाजार फ्यूचर रिटेल लिमिटेड बनाम साहिल डावर के मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के फैसले का उल्लेख करते हुये कहा कि कैरी बैग के लिए मनमाने ढंग से अतिरिक्त लागत लगाना, विशेष रूप से उपभोक्ताओं को उनके चयन या खरीद से पहले पर्याप्त नोटिस या जानकारी के बिना। एक अनुचित और भ्रामक व्यापार अभ्यास का गठन करता है।

जिला आयोग ने आगे कहा कि शिकायत में सवाल इस्तेमाल किए गए बैग के प्रकार के बारे में नहीं था, बल्कि यह था कि क्या पूर्व सूचना के बिना भुगतान के समय कैरी बैग के लिए अतिरिक्त लागत लगाने की अनुमति थी। जिला आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने खरीदारी करने से पहले उपभोक्ताओं को दिए गए नोटिस की कमी को प्रदर्शित करते हुए तस्वीरें प्रदान करके अपने मामले की पुष्टि की। भुगतान के समय इस तरह के शुल्क लगाने से न केवल असुविधा और उत्पीड़न होता है, बल्कि उपभोक्ता के किसी विशिष्ट आउटलेट के संरक्षण के बारे में सूचित निर्णय लेने के अधिकार में भी बाधा आती है।.

जिला आयोग ने कहा कि मैक्स फैशन के स्टोर कैरी बैग के लिए कोई राशि नहीं ले सकते हैं, खासकर आउटलेट से सीधे खरीदी गई वस्तुओं के लिए। आयोग ने मैक्स फैशन के स्टोर को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को कैरी बैग की कीमत के सात रुपये लौटाए। इसके अलावा, स्टोर को शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 3000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया गया था, जिसमें उसके द्वारा किए गए मुकदमे बाजी की लागत भी शामिल है।

केस टाइटल: अनमोल मल्होत्रा बनाम मैक्स फैशन 

केस नंबर: सी सी/308/2020

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