इस आधार पर राजमार्ग टोल माफ नहीं किया जा सकता कि ड्राइवर को कुछ मिनटों के लिए टोल प्लाजा पर इंतजार करना पड़ा: भिवानी जिला आयोग
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, भिवानी (हरियाणा) की सदस्य सरोज बाला बोहरा और सदस्य शशि किरण पंवार की खंडपीठ ने शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक शिकायत को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि एनएचएआई(NHI) टोल प्लाजा पर वाहन का प्रतीक्षा समय 2.5 मिनट से अधिक होने पर टोल के लिए शुल्क नहीं ले सकता। जिला आयोग ने माना कि शिकायतकर्ता के दावे का आधार एक आरटीआई(RTI) है। हालांकि, इस संबंध में एनएचएआई द्वारा जारी पत्र अधिक महत्व रखता है और आयोग ने कहा कि समय के साथ ऐसा कोई छूट नियम मौजूद नहीं है।
पूरा मामला:
दीपक सोनी (शिकायतकर्ता) ने अपने परिवार के साथ मथुरा की यात्रा करते समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHI) को 105 रुपये का टोल चार्ज दिया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, एनएचएआई के नियमों में टोल प्लाजा पार करने के लिए 2 मिनट और 50 सेकंड की प्रतीक्षा अवधि निर्धारित की गई है, लेकिन उन्हें तीन मिनट से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने टोल प्लाजा के अधिकारी से अनुरोध किया कि उसे मुफ्त में पार करने की अनुमति दी जाए, जिसने न केवल इनकार कर दिया, बल्कि कथित तौर पर अनुचित व्यवहार भी किया गया। जब शिकायतकर्ता ने शिकायत दर्ज करने का प्रयास किया, तो एनएचएआई के अधिकारियों ने शिकायत पुस्तिका नहीं दी। फिर, शिकायतकर्ता ने 19 अगस्त, 2019 को एक लीगल नोटिस भेजा, जिसके बाद 29 नवंबर, 2019 को एक रिमाइंडर भेजा, पर दोनों का जवाब नही दिया गया। तब, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, भिवानी, हरियाणा में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।
इसके जवाब में एनएचएआई ने शिकायत का विरोध करते हुए शिकायत की विचारणीयता, कार्रवाई के कारण, अधिकार क्षेत्र, शिकायत दर्ज करने से रोकने और अधिकार क्षेत्र के बारे में प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं। मामले के मेरिट के आधार पर, एनएचएआई ने कथित टोल प्लाजा रसीद जारी करने से इनकार कर दिया और टोल प्लाजा पार करने के लिए 2.5 मिनट की समय सीमा निर्दिष्ट करने वाले कथित नियम के अस्तित्व का विरोध किया। इसके अलावा, एनएचएआई ने तर्क दिया कि कुछ समय तक इंतजार करने से शिकायतकर्ता को दावा किए गए मुआवजे का अधिकार नहीं मिलता है। एनएचएआई ने शिकायत की बाकी तथ्यों का खंडन किया और अनुकरणीय लागत के साथ शिकायत को खारिज करने का अनुरोध किया।
आयोग की टिप्पणियां:
जिला आयोग ने पाया कि 2.5 मिनट बीत जाने के बाद शिकायतकर्ता का टोल छूट का दावा आरटीआई आवेदन के माध्यम से मांगे गए उसके स्पष्टीकरण पर आधारित है। इस प्रकार, इस तरह के दावे का संबंध किसी भी नियम या पत्र से नहीं है। जिला आयोग ने एनएचएआई के एक पत्र को ध्यान में रखा जिसमें पुष्टि की गई है कि टोल प्लाजा पार करने में लगने वाले समय के आधार पर कोई विशेष छूट लागू नहीं होती। जिला आयोग ने माना कि आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी वर्तमान मामले के तथ्यों पर लागू नहीं होती है, और पत्र में स्पष्टीकरण अधिक महत्व रखता है।
आयोग ने कहा कि यदि क्रॉसिंग के लिए लिया गया समय 2.5 मिनट से अधिक है तो टोल में छूट का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, इस शिकायत को खारिज किया जाता है।
केस टाइटल: दीपक सोनी बनाम प्रबंधक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और एक अन्य।
केस नंबर: 2020 की उपभोक्ता शिकायत संख्या 164
शिकायतकर्ता के वकील: आर.एन.सोनी
प्रतिवादी के वकील: मेहताब सिंह पुनिया
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