जिला उपभोक्ता आयोग, चंडीगढ़ ने बरिस्ता कॉफी कंपनी को कागज कप के लिए अतिरिक्त पैसे लेने के लिए जिम्मेदार ठहराया
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-द्वितीय, चंडीगढ़ के सदस्य श्री बीएम शर्मा की पीठ ने बरिस्ता कॉफी कंपनी लिमिटेड को एक पेपर कप के लिए अतिरिक्त 5 रुपये वसूलने के लिए सेवा में कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया। पीठ ने कैफे को शिकायतकर्ता को 1,000 रुपये का मुआवजा देने और 10,000 रुपये गरीब रोगी कोष/पीजीआई, चंडीगढ़ (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च), चंडीगढ़ के खाते में जमा करने का निर्देश दिया।
पूरा मामला:
शिकायतकर्ता पैन्सी सिंह सोनी ने एमजी रोड, नई दिल्ली में बरिस्ता कॉफी कंपनी स्टोर गयी और उसने एक हॉट चॉकलेट ऑर्डर की और उसे 230 रुपये का बिल मिला। बिल का निरीक्षण करने पर, उसने देखा कि बरिस्ता ने उससे "बारीस्ता" लेबल वाले पेपर कप के लिए 5 रुपये का शुल्क लिया, जिसमें हॉट चॉकलेट दिया गया था। इस अतिरिक्त मूल्य पर आपत्ति जताने के बावजूद, बरिस्ता की तरफ से कोई समाधान नही किया गया। परेशान होकर, शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराई।
बरिस्ता ने अपना पक्ष रखते हुये कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दिया गया ऑर्डर टेकअवे के लिए था, न कि स्टोर में उपभोग के लिए। और पैकेजिंग सामग्री से संबंधित अतिरिक्त खर्चों को कवर करने के लिए, पैकेजिंग शुल्क लेना उचित था। और तर्क दिया कि ये आरोप उनके खिलाफ एक साजिश के रूप में लगया गया है।
आयोग की टिप्पणियां:
जिला आयोग ने कहा कि बरिस्ता ने अपनी ओर से यह कहते हुए गलती स्वीकार की कि उसने पैकेजिंग खर्चों को कवर करने के लिए पेपर कप के लिए 5 रुपये का शुल्क लिया था। बरिस्ता ने खुद इस तरह की प्रथाओं को रोकने का दावा किया और पीजीआई चंडीगढ़ के गरीब रोगी निधि / खाते में 10,000 रुपये जमा करने और शिकायतकर्ता को मुआवजे के रूप में 1,000 रुपये का भुगतान 60 दिनों के भीतर करने का आदेश दिया।
केस टाइटल: पेंसी सिंह सोनी बनाम बरिस्ता कॉफी कंपनी लिमिटेड और अन्य।
केस नंबर: सी सी/322/2021
शिकायतकर्ता के वकील: जीके गोयल
प्रतिवादी के वकील: संजीव कुमार
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