रेस्टोरेंट सीलबंद पानी की बोतल पर MRP से अधिक कीमत नहीं वसूल सकते: चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग

Update: 2025-12-26 08:14 GMT

चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती पद्मा पांड़े (प्रेसाइडिंग मेंबर) तथा प्रीतिंदर सिंह (मेंबर) ने की, ने जिला आयोग के आदेश को निरस्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि रेस्टोरेंट्स किसी भी पूर्व-पैक (pre-packed) उत्पाद — जैसे पैकेज्ड पानी की बोतल — को अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक पर नहीं बेच सकते। आयोग ने कहा कि MRP वह अधिकतम मूल्य है जिस पर उपभोक्ता को उत्पाद बेचा जा सकता है और इसमें सभी कर, पैकेजिंग लागत तथा रिटेलर का लाभ पहले से शामिल होता है। आयोग ने यह भी माना कि प्रीमियम एम्बिएंस या सुविधाओं के नाम पर भी MRP से अधिक मूल्य वसूलना अनुचित व्यापार व्यवहार है।

मामले के तथ्य

शिकायतकर्ता इशिता खन्ना चंडीगढ़ के ग़ज़ल रेस्टोरेंट में गईं, जहाँ उनसे एक सीलबंद “एक्वाफिना” पानी की बोतल के लिए ₹55/- वसूले गए, जबकि बोतल पर मुद्रित MRP केवल ₹20/- था। इतना ही नहीं, रेस्टोरेंट ने बढ़े हुए मूल्य ₹55/- पर GST भी जोड़ा, जबकि MRP में सभी कर पहले से शामिल होते हैं। शिकायत जिला उपभोक्ता आयोग में दायर की गई, परंतु उसे ख़ारिज कर दिया गया। इसके बाद इशिता ने राज्य आयोग में अपील दायर की।

रेस्टोरेंट का पक्ष

रेस्टोरेंट ने यह स्वीकार किया कि पानी की बोतल के लिए ₹55/- वसूले गए, परंतु उन्होंने तर्क दिया कि ग़ज़ल शहर का पुराना और प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट है, जहाँ प्रीमियम वातावरण, आराम और गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। उनके अनुसार उपभोक्ता केवल उत्पाद नहीं बल्कि “डाइनिंग एक्सपीरियंस” के लिए भुगतान करते हैं, इसलिए यह अनुचित व्यापार नहीं है।

आयोग का निर्णय

राज्य आयोग ने अपील स्वीकार करते हुए कहा कि कानूनी मापविधि (पैक्ड कमोडिटी) नियम, 2011 के अनुसार MRP किसी भी पैक्ड वस्तु का अधिकतम बिक्री मूल्य है और यह सभी करों सहित होता है। जब रेस्टोरेंट किसी पूर्व-पैक वस्तु को बेचता है, तो वह रिटेलर की श्रेणी में आता है — चाहे बिक्री रेस्टोरेंट के भीतर ही क्यों न हो। आयोग ने स्पष्ट किया कि रेस्टोरेंट अपने द्वारा तैयार किए गए खाद्य-पदार्थों के मूल्य स्वतंत्र रूप से तय कर सकते हैं, लेकिन पूर्व-पैक वस्तुओं के लिए MRP “कानूनी सीमा” है और उससे अधिक वसूली नहीं की जा सकती।

आयोग ने ग़ज़ल रेस्टोरेंट को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी ठहराते हुए:

MRP से अधिक वसूले गए ₹25/- की वापसी

तथा ₹3000/- क्षतिपूर्ति

शिकायतकर्ता को अदा करने का निर्देश दिया।

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