हाईकोर्ट ने बिलासपुर में बसों का संचालन बंद करने पर चिंता व्यक्त की, परिवहन आयुक्त को भ्रामक हलफनामे पर अवमानना की चेतावनी दी
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर में सिटी बस सेवाओं के बंद होने पर कड़ा रुख अपनाया और कहा कि न्यायालय के पूर्व हस्तक्षेप के बाद कुछ समय के लिए बस सेवाओं के पुनः चालू होने के बावजूद इस निरंतर निलंबन से शहरवासियों को भारी कठिनाई हो रही है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए टिप्पणी की,
“शहर से 30 किलोमीटर के दायरे में पिछले दस वर्षों से सिटी बसें चल रही हैं। तखतपुर, कोटा, खूंटाघाट, बिल्हा रूट पर पुरानी होने के बावजूद किसी तरह बसें चलाई जा रही थीं। कोरोना काल में कई ट्रेनों का बिल्हा, कोटा और अन्य छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज नहीं है। इसे देखते हुए शहरी लोगों के साथ-साथ अंचल के लोगों के लिए सिटी बस बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले 4 दिनों से सिटी बस का संचालन नहीं होने से बड़ी संख्या में लोग परेशान हो रहे हैं। निगम अधिकारियों का कहना है कि बसें पुरानी होने के कारण खराब हो गई हैं और अब वे मरम्मत के लायक भी नहीं हैं। यह नहीं कहा जा सकता कि लोगों को यह सुविधा और कितने दिनों तक नहीं मिल पाएगी। उक्त समाचार में कहा जा रहा है कि दिवाली के बाद नई ई-बसें शुरू होंगी।”
उक्त मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले 4 दिनों से सिटी बसें खराब होने के कारण बंद हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
न्यायालय जनहित याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें राज्य भर में सिटी बस सेवाओं में भारी कमी को उजागर किया गया। खासकर COVID-19 महामारी के बाद जहां कई शहरों में बसें दो साल से भी ज़्यादा समय से यार्ड में खड़ी बताई गई थीं।
जब इस मामले की अंतिम सुनवाई 22.07.2025 को हुई, तब सचिव/परिवहन आयुक्त ने न्यायालय को सूचित किया कि बिलासपुर में 9 सिटी बसों में से 6 बसों का बीमा, फिटनेस और टैक्स जमा हो चुका है। 5 बसों का संचालन शुरू हो गया और शेष 1 बस का संचालन जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि पिछले 4 दिनों से सभी सिटी बसों का संचालन पूरी तरह से बंद है, जिसके कारण न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा।
सचिव/परिवहन आयुक्त को फटकार लगाते हुए खंडपीठ ने कहा,
"सचिव-सह-परिवहन आयुक्त, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार, रायपुर को कल इस न्यायालय में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया जाता है कि उन्होंने 20 जुलाई, 2025 को इस न्यायालय के समक्ष एक भ्रामक हलफनामा क्यों दायर किया था, जिसमें कहा गया कि छह सिटी बसों में से पांच का संचालन शुरू हो गया। शेष एक का संचालन शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, वे उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं थीं और 20 दिनों के भीतर बंद हो गईं। इससे आम जनता को भारी कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, कारण बताने का भी निर्देश दिया जाता है कि इसके लिए उनके विरुद्ध अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।"
मामला आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
केस टाइटल: स्वप्रेरणा से जनहित याचिका बनाम छत्तीसगढ़ राज्य