छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य भर में मेडिकल सेवाओं की कमियों पर चिंता जताई, हलफनामा मांगा
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य भर के विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल और स्वास्थ्य सुविधाओं में कई कमियों को उजागर किया, खासकर डॉक्टरों की कमी, अस्पतालों में भीड़भाड़, अभिकर्मकों की अनुपलब्धता और रात्रिकालीन ड्यूटी पर पर्याप्त कर्मचारियों की अनुपस्थिति के संदर्भ में।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव द्वारा प्रस्तुत हलफनामों का हवाला देते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने कहा,
“…यद्यपि यह कहा गया कि पर्याप्त डॉक्टर हैं। फिर भी कुछ पद रिक्त हैं और अस्पतालों में मरीजों की भीड़भाड़ भी प्रतीत होती है। अभिकर्मकों की आपूर्ति भी नहीं हो रही है, जिसके कारण परीक्षण नहीं हो पा रहे हैं। यह भी स्पष्ट है कि रात के समय मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ वैकल्पिक व्यवस्थाएं की गईं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राज्य ने बेहतर मेडिकल सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किए, लेकिन उक्त अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या को देखते हुए यह प्रयास अपर्याप्त प्रतीत होता है, हमें आशा और विश्वास है कि राज्य अपने अस्पतालों में बेहतर मेडिकल सुविधाएं प्रदान करने के लिए और अधिक पहल करेगा।”
मामले की अगली सुनवाई अब 17 सितंबर, 2025 को होगी।
Case Title: In the Matter of Suo Moto Public Interest Litigation v. The State Of Chhattisgarh & Others