'अमित शाह की रैली के दौरान COVID-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर एक भी FIR क्यों नहीं दर्ज की गई?': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस की खिंचाई की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को बेलगावी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में 17 जनवरी की रैली के दौरान मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के COVID-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए बेलगावी के पुलिस आयुक्त की खिंचाई की।
कोर्ट ने इससे पहले 12 मार्च को प्रथम दृष्टया कहा था कि रैली में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्लंघन किया गया है। अदालत ने तब पुलिस आयुक्त को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश एएस ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने आज (मंगलवार) पुलिस आयुक्त द्वारा दायर हलफनामे पर चिंता जाहिर की।
पीठ ने कहा कि,
"हलफनामे के अवलोकन से पता चलता है कि आयुक्त ने कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 के तहत निर्धारित नियमों की अनदेखी की है।"
पीठ ने आगे कहा कि,
"शायद आयुक्त कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 के तहत बनाए गए विनियमन के प्रावधानों से अनजान हैं। आयुक्त के हलफनामे से पता चलता है कि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।"
कोर्ट ने कहा कि,
"हलफनामे का अवलोकन करने पर हम पाते हैं कि आयुक्त ने मामले को बहुत लापरवाही से पेश किया। बेलगावी रैली में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उठाई गई थी, लेकिन आयुक्त इस मामले से जुर्माने की वसूली से संतुष्ट दिखते हैं।"
कोर्ट ने आयुक्त को यह बताने का निर्देश दिया कि कर्नाटक महामारी रोग अधिनियम, 2020 और उसके तहत बनाए गए नियमों के उल्लंघन के लिए एक भी प्रथम सूचना रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं की गई।
कोर्ट ने आदेश में कहा कि,
'हम कमिश्नर को 3 जून तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।"
कोर्ट ने राज्य सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पूर्व में पारित आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट अगली तारीख तक दाखिल करने का समय भी दिया।