क्या चाइल्ड केयर होम से बच्चों के भागने/अपहरण को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए? दिल्ली हाईकोर्ट दिशा-निर्देश जारी करेगा

Update: 2021-11-27 07:42 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट एक संस्थान से बच्चों के भागने/अपहरण की घटनाओं के बाद शहर में चाइल्ड केयर होम्स के बेहतर कामकाज के लिए निर्देश जारी करने के लिए तैयार हो गया।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद इस साल मार्च में बख्तावरपुर में एक चाइल्ड केयर होम से पांच नाबालिग लड़कियों के भागने और पूर्व में रिपोर्ट की गई इसी तरह की अन्य घटनाओं से संबंधित एक घटना की मजिस्ट्रेट जांच की मांग करने वाली याचिका पर विचार कर रहे थे।

न्यायालय ने संयुक्त निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग को विभिन्न चाइल्ड केयर होम्स के बेहतर कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश देने में न्यायालय की सहायता करने के लिए सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने कहा,

"यह याचिका केवल 26/27 मार्च, 2021 की एक घटना तक सीमित नहीं हो सकती है, जहां पांच (5) नाबालिग होम से भाग गए। चाइल्ड केयर होम्स के समग्र कामकाज का आकलन यह देखने के लिए किया जाना चाहिए कि क्या पर्याप्त उपाय किए गए हैं या नहीं। चाइल्ड केयर होम्स में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चे ऐसे होम्स से न भागें और बच्चों को होम्स में क्या सुविधाएं प्रदान की गई हैं।"

याचिका में दिल्ली सरकार और अन्य एजेंसियों को कर्मचारियों की ओर से आपराधिक लापरवाही के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई, जिसके परिणामस्वरूप नाबालिग लड़कियों के भागने की लगातार घटनाएं हुईं।

इसके अलावा, चाइल्ड केयर होम्स से नाबालिग लड़कियों को अवैध रूप से अपहरण करने और लड़कियों में से एक को अवैध रूप से हिरासत में लेने और यौन उत्पीड़न करने, उसे हिंदू धर्म से इस्लाम में परिवर्तित करने और निकाह करने के लिए जिम्मेदार आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई।

सहायक पुलिस आयुक्त, जिला जांच इकाई द्वारा दर्ज की गई स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार, चाइल्ड केयर होम की स्थिति ऐसी है कि उसमें रह रहे बच्चे आसानी से भाग सकते हैं।

रिपोर्ट में आगे खुलासा किया गया कि बख्तावरपुर चाइल्ड केयर होम में 63 लड़कियां रहती हैं, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा गार्ड विशेष रूप से महिला गार्ड को तैनात नहीं किया गया।

इसके अलावा, यह भी कहा गया कि मामले में की गई जांच के अनुसार, यह पता चला है कि चाइल्ड केयर होम से लड़कियों के भागने की कुल 14 घटनाएं हुईं। पिछली सभी 13 घटनाओं में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, पांच नाबालिग लड़कियों के भागने की जांच में कर्मचारियों की ओर से कोई सक्रिय लापरवाही नहीं देखी जा सकी।

अदालत ने दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा दायर जवाब को भी रिकॉर्ड में लिया। इसने उक्त चाइल्ड केयर होम के कामकाज पर चिंता जताई थी।

अदालत ने निर्देश दिया,

"विभिन्न चाइल्ड केयर होम्स के बेहतर कामकाज को सुनिश्चित करने के निर्देश देने में न्यायालय की सहायता के लिए संयुक्त निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया जाए।"

अब मामले की सुनवाई नौ दिसंबर को होगी।

केस का शीर्षक: राजेश कुमार बनाम राज्य (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) और अन्य।

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