'बहुत गंभीर मामला' : दिल्ली महिला आयोग ने टूलकिट केस में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर स्वत: संज्ञान लिया
दिल्ली महिला आयोग ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया जिनमें कहा गया कि 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को अनुच्छेद 22 के तहत उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए गिरफ्तार किया गया।
यह देखते हुए कि यह एक "गंभीर मामला" है, दिल्ली महिला आयोग प्रमुख स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से निम्नलिखित बिंदुओं पर जवाब मांगा है:
1. मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी।
2. कथित रूप से गिरफ्तार लड़की को ट्रांजिट रिमांड के लिए स्थानीय अदालत में पेश नहीं करने के कारण।
3. दिल्ली में अदालत में पेश किए जाने के बाद लड़की को उसकी पसंद का वकील उपलब्ध नहीं कराने के कारण।
4 उपरोक्त मामले में विस्तृत कार्रवाई का विवरण।
दिल्ली पुलिस साइबर अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त को लिखे पत्र में दिल्ली महिला आयोग ने बताया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 के आदेश में कहा था:
"निकटतम मजिस्ट्रेट के समक्ष गिरफ्तार व्यक्ति को पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने के लिए एंडेवर किया जाना चाहिए। जब तक कि अन्यथा वारंट न हो।"
पत्र में भारत के संविधान के अनुच्छेद 22 (1) का भी उल्लेख किया गया है जिसमें कहा गया है कि गिरफ्तार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के "कानूनी सलाहकार" द्वारा बचाव प्राप्त करने का अधिकार है।
14 फरवरी को, रवि को दिल्ली के एक मजिस्ट्रेट ने 5 दिन की हिरासत में भेज दिया था। रवि को बेंगलुरू से भारत के खिलाफ असहमति पैदा करने, सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने, आपराधिक षड्यंत्र आदि के साथ साथ देशद्रोह से संबंधित अपराधों के लिए सोशल मीडिया पर किसानों के विरोध से संबंधित "टूलकिट" पर दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली महिला आयोग ने 19 फरवरी तक पुलिस से जवाब मांगा है।
दिशा रवि को रिमांड में लेने के फैसले की आलोचना करते हुए आपराधिक कानून के जानकार वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका माममेन जॉन ने कहा कि यह "न्यायिक कर्तव्यों के त्यागने का चौंकाने वाला संकेत" है। अधिवक्ता रेबेका दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के मजिस्ट्रेट के आचरण पर गहरी निराशा व्यक्त की, जिन्होंने दिल्ली पुलिस की पांच दिन की हिरासत के लिए युवती को रिमांड पर भेजा, बिना यह सुनिश्चित किए कि उसे वकील द्वारा प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी का कारण बने 'टूलकिट' के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि वह दस्तावेज के बारे में कुछ भी "देशद्रोही" नहीं देख पाए। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता ने एनडीटीवी पर पत्रकार श्रीनिवासन जैन द्वारा रवि की गिरफ्तारी से संबंधित कानूनी कार्यवाही पर एक पैनल चर्चा के दौरान भाग लेते हुए कहा कि इस देश के प्रत्येक नागरिक को सरकार का विरोध करने का अधिकार है।