कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए भाषण को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भाजपा नेता की याचिका वाराणसी कोर्ट ने खारिज की
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की एक अदालत ने कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ फरवरी 2023 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में उनके भाषण को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली भाजपा नेता की अर्जी खारिज कर दी।
आवेदन में आरोप लगाया गया है कि गांधी ने भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ बयान दिया था, जिसे एसीजेएम उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कथित बयान भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की निर्धारित सीमा से अधिक नहीं है।
सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत आवेदन एडवोकेट शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा दायर किया गया था, जो भाजपा नेता भी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी के बयान विभाजनकारी और भारत के संविधान की भावना के खिलाफ हैं। आवेदन में यह भी कहा गया है कि गांधी ने एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना एक आतंकवादी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की, जिससे 10 करोड़ से अधिक स्वयंसेवकों की भावनाएं आहत हुईं।
भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी के बयान देश के लोगों को जाति, धर्म आदि के आधार पर बांटने की साजिश का हिस्सा हैं और उनके बयान नफरत फैलाने वाले भाषण हैं।
इसके अलावा, उनके आवेदन में आईपीसी की धारा 120बी, 147, 153ए, 295ए, 295 सहित आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।
आवेदन की सामग्री और उसमें किए गए कथनों का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने कथित बयानों को भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की निर्धारित सीमा से अधिक नहीं पाया, इसलिए आवेदन खारिज कर दिया गया।
Varanasi Court REJECTS the application of a BJP Leader seeking registration of an #FIR against Congres Leader and MP Rahul Gandhi (@RahulGandhi) over his February 2023 Cambridge University speech.
— Live Law (@LiveLawIndia) March 23, 2023
The plea alleged that Gandhi made statements against the unity of India. pic.twitter.com/VLnc4Bywl6