उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सौराष्ट्र रोड़ के चौड़ीकरण में काटे गए पेड़ों को कथित तौर पर नहीं लगाने के लिए पूर्व लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सौराष्ट्र रोड, देहरादून के चौड़ीकरण में काटे गए पूर्ण विकसित पेड़ों को प्रत्यारोपित करने के अपने आदेश का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए पूर्व लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव और कार्यकारी अभियंता, ऋषिकेश को अवमानना नोटिस जारी किया।
जस्टिस रवींद्र मैथानी की पीठ ने कहा कि, “यह क्षेत्र, विशेषकर शिवालिक पहाड़ियों की पारिस्थितिकी को बनाए रखने से संबंधित मामला है। न्यायालय ने पेड़ों के प्रत्यारोपण का निर्देश दिया था, जिसका अर्थ है कि उन्हें यांत्रिक उपकरणों से उखाड़कर किसी स्थान पर रख देना ताकि वे फिर भी बढ़ सकें।
ये टिप्पणियां अभिषेक कुमार गर्ग द्वारा एडवोकेट अभिजय नेगी के माध्यम से दायर अवमानना याचिका के जवाब में आईं, जिसमें कहा गया था कि अधिकारियों ने सितंबर, 2022 में जारी पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना की है।
वकील ने आशीष कुमार गर्ग बनाम उत्तराखंड राज्य के मामले में पारित आदेश का हवाला दिया।
अदालत ने आशीष कुमार गर्ग बनाम उत्तराखंड राज्य के मामले में निर्देश दिए गए थे,
“ इसलिए, हम राज्य को अगले चार महीनों के भीतर पूर्ण रूप से विकसित पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए आवश्यक उपकरण खरीदने का निर्देश देने के इच्छुक हैं। हालांकि, चूंकि प्रश्न में सड़क के विस्तार का काम पहले ही शुरू हो चुका है और यातायात के सुचारू प्रवाह की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रतीत होता है, हम शेषज्ञों की देखरेख में पेड़ों के प्रत्यारोपण की अनुमति देने के इच्छुक हैं।”
जस्टिस मैथानी ने उन तस्वीरों पर भी गौर किया जिनमें दिखाया गया था कि उत्तरदाताओं द्वारा फलदार पेड़ों की शाखाओं को काट दिया गया है।
कोर्ट ने कहा,
“ एनेक्श्चर 2, तस्वीरों से पता चलता है कि वास्तव में पेड़ों को अंधाधुंध काटा गया था। उनका प्रतिरोपण नहीं किया गया।''
प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देने का भी निर्देश दिया:
(i) पूर्ण विकसित पेड़ों के प्रत्यारोपण के लिए यांत्रिक उपकरण कब खरीदे गए?
(ii) वन अनुसंधान संस्थान से किसने पेड़ों को उखाड़ने और रोपने में उत्तरदाताओं की सहायता की?
(iii) कितने पेड़ प्रत्यारोपित किये गये?
(iv) उन्हें कहां प्रत्यारोपित किया गया है?
(v) उनका प्रत्यारोपण कब किया गया?
(vi) अब क्या स्थिति है?
इसमें कहा गया है कि उपरोक्त जानकारी तस्वीरों के साथ-साथ वीडियोग्राफ़ के साथ भी समर्थित होगी।
मामले को अब आगे के विचार के लिए 20 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
केस टाइटल : आशीष गर्ग बनाम आरके सुधांशु एवं अन्य।
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