यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यरत 841 सरकारी वकीलों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया

Update: 2022-08-03 03:53 GMT

इलाहाबाद हाईकोर्ट


यूपी सरकार (UP Government) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में नियुक्त 841 सरकारी वकीलों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया। प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ से 505 राज्य विधि अधिकारियों को हटाया गया है, जबकि लखनऊ पीठ से 336 सरकारी वकीलों की सेवाएं समाप्त की गईं।

विधि एवं न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल द्वारा जारी आदेश में लखनऊ खंडपीठ की दो चीफ स्टेंडिंग काउंसल की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं।

इसके अलावा 33 अतिरिक्त शासकीय एडवोकेट्स, आपराधिक पक्ष के 66 और सिविल ब्रीफ धारकों के 176 की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं। 59 एडिशनल चीफ स्टेंडिंग काउंसल और स्टेंडिंग काउंसल की सेवाएं भी समाप्त कर दी गई हैं।

दूसरी ओर, राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 366 और लखनऊ पीठ में 220 नए लोक अभियोजक नियुक्त किए हैं।

उल्लेखनीय है कि मई 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा था कि राज्य की ओर पेश होने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट (दोनों पीठों) में इतने अतिरिक्त महाधिवक्ता और चीफ सरकारी वकील नियुक्त करने की क्या आवश्यकता है जबकि पहले से ही 400 से अधिक वकील हैं।

जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की खंडपीठ ने राज्य और उसके विभिन्न प्राधिकरणों और निगमों की ओर से वकीलों को आउटसोर्स करने की प्रथा की भी अपेक्षा की, जिसमें करदाताओं के पैसे का एक बड़ा हिस्सा इस्तेमाल किया जा रहा है।

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