यूपी कोर्ट ने 2010 के गैंगस्टर एक्ट मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी पाया, 10 साल जेल की सजा सुनाई

Update: 2023-10-27 12:48 GMT

उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर जिले की एक एमपी/एमएलए अदालत ने कल पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को 2010 में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज किए गए गैंगस्टर मामले में दोषी ठहराया। मुख्तार अंसारी पर पेशे से शिक्षक कपिल देव सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप था, जिनकी 2009 में हत्या कर दी गई थी।

उन्हें 10 साल की जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। उन पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।

60 वर्षीय अंसारी पांच बार के पूर्व विधायक हैं, जो वर्तमान में बांदा जिला जेल में बंद हैं। पिछले 13 महीनों में यह उनकी छठी सजा है ।

इस साल जून में वाराणसी की एक अदालत ने उन्हें 1991 के अवधेश राय हत्याकांड मामले में दोषी ठहराया था। कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई की 1991 में वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इस साल अप्रैल में उन्हें गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था, जो उनके खिलाफ वर्ष 1996 में विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण और वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल होने के आरोप में दर्ज किया गया था।

पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले की एक अदालत ने 26 साल पुराने गैंगस्टर मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगी (भीम सिंह) को दोषी ठहराया था।

इससे पहले पिछले साल सितंबर में हाई कोर्ट ने उन्हें दो मामलों में दोषी ठहराया था. एक मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें वर्ष 2003 में ड्यूटी निभा रहे एक जेलर को गाली देकर, उनकी ओर रिवॉल्वर/पिस्तौल दिखाकर धमकाने और जान से मारने की धमकी देने का दोषी पाया था।

एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत 23 साल पुराने मामले में अंसारी को 5 साल जेल की सजा सुनाई थी।

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